झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा सूर्खियों में है। इस बीच, बीजेपी की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि चंपई सोरेन के पार्टी में शामिल होने की संभावनाओं को लेकर उनके साथ अभी कोई बातचीत नहीं हुई है। मरांडी ने कहा कि चंपई एक मंझे हुए नेता हैं और झारखंड राज्य के गठन के लिए चलाए गए आंदोलन का हिस्सा रह चुके हैं। वह अपनी आगे की राह के बारे में फैसला खुद लेंगे।
"उनके विधायक बिकाऊ' हैं?"
भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त करने संबंधी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आरोपों पर बाबूलाल मरांडी ने कहा, "इसका मतलब यह है कि हेमंत कह रहे हैं कि उनके विधायक 'बिकाऊ' हैं। यदि वो सभी विधायकों को 'बिकाऊ' कहेंगे, तो कौन आपके साथ रहना चाहेगा। अगर कोई विधायक अपना दुख व्यक्त करता है, तो आपको उसकी बात सुननी चाहिए।" मरांडी ने कहा कि चंपई जैसे वरिष्ठ नेता के अलग होने से झामुमो पर असर पड़ेगा।
दरअसल, गोड्डा में रविवार को एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, "समाज को तो छोड़ ही दीजिए, ये लोग परिवारों और पार्टियों को तोड़ने का काम करते हैं। वे विधायकों की खरीद-फरोख्त करते हैं। पैसा ऐसी चीज है कि नेताओं को इधर-उधर जाने में देर नहीं लगती।"
"...तो पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा"
वहीं, भाजपा की झारखंड इकाई के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, "अगर चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जाहिर करते हैं, तो पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा। उन्होंने कहा, "चंपई सोरेन एक बड़े नेता हैं और उन्होंने हेमंत सोरेन की पार्टी की भ्रष्ट छवि बदलने की कोशिश की, इसलिए हमारे नेता व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करते हैं।"
चंपई सोरेन का छलका दर्द
बता दें कि बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच चंपई सोरेन रविवार दोपहर दिल्ली पहुंचे थे। बाद में उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने अत्यधिक अपमान झेला, जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए। चंपई के सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "इससे संकेत मिलता है कि वह बहुत आहत हैं। जिस तरह से मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, उससे उन्होंने काफी अपमानित महसूस किया।"
"मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं"
चंपई ने पोस्ट में बताया, "3 जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक में उनसे इस्तीफा देने को कहा गया। उन्होंने कहा कि वह इस निर्देश से आहत थे, क्योंकि उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची थी। पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, उन्होंने बैठक में घोषणा की कि आज से मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू होगा। उन्होंने कहा कि उनके पास तीन विकल्प हैं, पहला-राजनीति से संन्यास ले लें, दूसरा-एक नई पार्टी बनाएं और तीसरा-कोई सहयोगी मिले तो उसका दामन थाम लें। उस दिन से लेकर अब तक और आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक इस यात्रा में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।"
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