झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में झामुमो गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की है। हालांकि, बीजेपी के लिए चंपई सोरेन अपनी सीट जीतने में सफल रहे हैं। झारखंड की सराइकेला विधानसभा सीट पर भी सभी की नजरें टिकी हुई थीं। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन चुनाव लड़ रहे थे। चंपई का मुकाबला एक बार फिर गणेश महली से था। ये दोनों नेता इसी सीट पर 2019 और 2014 में भी आमने-सामने थे और दोनों बार चंपई सोरेन ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार दोनों नेता पाला बदलकर चुनाव लड़े। इससे यहां की लड़ाई रोचक जरूर बनी, लेकिन अंत में जीत चंपई सोरेन को ही मिली है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे चंपई सोरेन ने सीएम पद से हटाए जाने के बाद पार्टी छोड़ दी थी और बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इस चुनाव से यह साफ हो गया कि सराइकेला की जनता को चंपई सोरेन पर ज्यादा भरोसा है। चंपई सोरेन ने 119379 वोट हासिल किए और झामुमो के गणेश महली को 20447 वोट से हराया। गणेश महली को 98932 वोट मिले।
सराइकेला में चंपई का दबदबा
झारखंड की सरायकेला विधानसभा सीट पर पिछले 'कोल्हान टाइगर' कहे जाने वाले चंपई सोरेन का दबदबा रहा है। सोरेन ने इस सीट से 1991, 1995, 2005, 2009, 2014 और 2019 का विधानसभा चुनाव जीता है। वह 2000 के चुनाव में बीजेपी के नेता अनंत राम टुडू से हार गए थे। इस तरह देखा जाए तो चंपई झारखंड बनने के बाद से सरायकेला की विधानसभा सीट से चुनाव नहीं हारे हैं। खास बात है कि चंपई ने इस सीट से कई बेहद करीबी मुकाबले जीतकर भी इतिहास रचा है।
भाजपा छोड़ झामुमो में आए गणेश
चंपई ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को अलविदा कहकर बीजेपी का दामन थामा है तो गणेश महली भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़े हैं। पिछले 2 चुनावों में चंपई और महली का आमना सामना हो चुका है। 2014 में महली को 1115 वोटों से हार मिली थी और 2019 में हार का अंतर बढ़कर 15667 हो गया था। 2024 में यह अंतर 20447 पहुंच गया।
2014 में हुई थी कांटे की टक्कर
सराइकेला सीट पर 2019 और 2014 विधानसभा चुनावों में सिर्फ चंपई सोरेन और गणेश महली के बीच ही मुकाबला था। 2019 में चंपई सोरेन को 1,11,554 और महली को 95,887 वोट मिले थे और कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन ने 15,667 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं, 2014 में चंपई सोरेन को 94,746 और गणेश महली को 93,631 वोट मिले थे। चंपई सोरेन ने मात्र 1,115 वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। यही वजह है कि लोगों को इस बार भी दोनों नेताओं के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद है।