झारखंड में विधानसभा चुनाव हो रहे है। दो चरणों में झारखंड में मतदान किया जाएगा। 23 नवंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच राज्य की खूंटी विधानसभा सीट हॉट सीट बनी हुई है। इस सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। खूंटी विधानसभा सीट पर भाजपा ने नीलकंठ सिंह मुंडा को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राम सूर्य मुंडा को अपना उम्मीदवार बनाया है। खूंटी जिला झारखंड राज्य के दक्षिण छोटानागपुर डिवीजन के चौबीस जिलों में से एक है। खूंटी जिले को 12 सितंबर 2007 को रांची जिले से अलग कर बनाया गया था। यह लोहरदगा के बाद झारखंड का दूसरा सबसे कम आबादी वाला जिला है।
कौन हैं भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ सिंह मुंडा
बता दें कि नीलकंठ सिंह मुंडा खूंटी विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। वे झारखंड सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री भी रह चुके हैं। राज्य में भाजपा के प्रमुख नेताओं में नीलकंठ मुंडा का नाम आता है। बता दें कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव में नीलकंठ मुंडा को 59,198 वोट मिले थे। वहीं झामुमो के सुशील पाहन को 32,871 वोट मिले थे। इसके अलावा जेवीएम (पी) के दयामनी बारला को 20,726 वोट मिले थे। इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नीलकंड मुंडा ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। बता दें कि खूंटी जिले में एक लोकसभा सीट और 3 विधानसभा सीटें हैं। वहीं जनगणना के मुताबिक जिले की कुल जनसंख्या 5.32 लाख है। अगर 2014 के चुनाव की बात करें तो इस दौरान नीलकंठ सिंह मुंडा को 47,032 वोट्स मिले थे। उन्होंने उस चुनाव में भी जीत दर्ज की थी।
नीलकंठ मुंडा वर्सेज राम सूर्य मुंडा
खूंटी विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राम सूर्य मुंडा को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि नीलकंठ मुंडा पिछले 5 बार से इस सीट पर विधायक हैं। वहीं इस बार नए चेहरे राम सूर्य मुंडा पर झामुमों ने दाव खेला है। बता दें कि खूंटी सीट पर झामुमों ने पहले स्नेहलता कंडूलना को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि उन्हें हटाकर पार्टी ने राम सूर्या मुंडा को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि इससे पहले 2014 के चुनाव में इस सीट से झामुमो ने जिदन होरो को और 2019 के चुनाव में सुशील पाहन को अपना उम्मीदवार बनाया था। बता दें कि इस सीट पर भाजपा का एक छत्र राज है। अब देखना ये है कि क्या झामुमो इस सीट पर भाजपा के किले को ढहा पाएगी या भाजपा का रिकॉर्ड फिर बरकरार रहेगा।