Friday, December 20, 2024
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झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: गीता कोड़ा या सोना राम सिंकू, जगन्नाथपुर सीट पर किसका होगा कब्जा?

झारखंड में 81 सीटों के लिए दो फेज में चुनाव होंगे। पहले चरण के मतदान के लिए वोटिंग 13 नवंबर को होगी। जगन्नाथपुर सीट पर भाजपा की गीता कोड़ा और कांग्रेस के सोनाराम सिंटू के बीच कांटे की टक्कर है।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Nov 10, 2024 17:22 IST, Updated : Nov 13, 2024 13:25 IST
seeta koda and sonaram sinku
सीता कोड़ा और सोनाराम सिंकू

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: पश्चिमी सिंहभूम जिले की जगन्नाथपुर विधानसभा सीट पर इस बार के विधानसभा चुनाव में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर पिछली बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े सोनाराम सिंकू ने जीत दर्ज की थी और कांग्रेस ने इस बार भी सिंकू पर ही भरोसा जताया है और चुनावी मैदान में उन्हें ही उतारा है तो वहीं इस बार इस सीट से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया हैं। इस सीट पर वर्ष 2000 से 2014 तक मधु कोड़ा और गीता कोड़ा का ही कब्जा रहा। दोनों ने दो-दो बार जगन्नाथपुर में जीत हासिल की थी। इस बार इस सीट पर गीता कोड़ा और सोनाराम सिंकू के बीच जबर्दस्त टक्कर देखने को मिलेगी।

2019 में कांग्रेस के सोनाराम सिंकू जीते थे

इस सीट का समीकरण तब बदल गया जब वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में मधु कोड़ा ने अपने करीबी मित्र सोनाराम सिंकू को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इस बार पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को सोनाराम सिंकू से ही कड़ी चुनौती मिल रही है। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनावों में, जगन्नाथपुर निर्वाचन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी राजनीतिक माहौल देखने को मिला। कांग्रेस के उम्मीदवार सोना राम सिंकू 32,499 वोट हासिल करके विजयी हुए थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के मंगल सिंह बोबोंगा को 20,893 वोट मिले थे। तो वहीं, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुधीर कुमार सुंडी को 16,450 वोट मिले।

जगन्नाथपुर में रहा है मधु कोड़ा का दबदबा

जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से वर्ष 2000 में मधु कोड़ा ने बीजेपी टिकट पर पहली बार जीत हासिल की थी और मंत्री भी बने थे। लेकिन 2005 के चुनाव में बीजेपी ने मधु कोड़ा का टिकट काट दिया, जिसके बाद कोड़ा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। उसके बाद मधु कोड़ा ने निर्दलीय विधायक के रूप में ही करीब 22 महीने तक मुख्यमंत्री के रूप में जेएमएम-कांग्रेस के सहयोग से सरकार चलाई थी।

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