इन दिनों झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सक्रिय हैं। चुनाव की तैयारियों को लेकर उनका लगातार बयान सामने आ रहा है। झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के सह-प्रभारी बनाए गए हिमंत बिस्वा सरमा ने अब अपने एक बयान में कहा कि है कि झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए जीत हासिल करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन बीजेपी को सत्ता में आने की उम्मीद है।
अच्छे नतीजों की उम्मीद: सरमा
सरमा ने यह भी कहा कि वह वहां चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं और असम में 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं यहां उपचुनावों पर नजर नहीं रख पा रहा हूं। मैं झारखंड में बहुत व्यस्त रहा हूं।" हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड में बीजेपी की जीत की संभावनाओं पर कहा कि यह चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन हमें वहां अच्छे नतीजों की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि असम के मंत्री, विधायक और बीजेपी का राज्य नेतृत्व पूर्वोत्तर राज्य में पांच विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं इस बारे में निश्चित तौर पर नहीं कह सकता कि मैं इस बार यहां प्रचार करूंगा या नहीं। अगर मैं समय निकाल पाया तो शायद एक या दो जगहों पर प्रचार करूंगा।" (भाषा)
"कांग्रेस में चुनाव टिकट बेचने की परंपरा"
बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरण में होंगे और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। इससे पहले हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि पार्टी में चुनाव टिकट बेचने की परंपरा है। सरमा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बरही के निवर्तमान कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उन्हें टिकट इसलिए नहीं दिया गय, क्योंकि वह पार्टी को दो करोड़ रुपये का चंदा नहीं दे सके। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, यह कोई नई बात नहीं है, कांग्रेस में अपने लगभग 20 प्रतिशत टिकटों को बेचे जाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। ऐसा हर राज्य में होता है।
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