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CM आवास के सामने जाम में फंसे हाई कोर्ट के जज, DGP को किया तलब; जानें फिर क्या हुआ

झारखंड की राजधानी रांची में सीएम आवास के सामने हाईकोर्ट के जज ट्रैफिक जाम में फंस गए। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को डीजीपी को तलब किया। हाईकोर्ट के जज ने डीजीपी को यातायात प्रबंधन में विफल होने पर फटकार लगाई।

Edited By: Amar Deep
Published on: August 27, 2024 23:25 IST
CM आवास के सामने जाम में फंसे हाई कोर्ट के जज।- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE/PTI CM आवास के सामने जाम में फंसे हाई कोर्ट के जज।

रांची: शहर में जाम के बीच हाई कोर्ट के जज को भी दिक्कतों का सामना उठाना पड़ा। वहीं जाम से निकलने के बाद हाई कोर्ट के जज ने डीजीपी को तलब किया। दरअसल, खराब यातायात प्रबंधन से नाखुश झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने मंगलवार को डीजीपी अनुराग गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को आज अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तलब किया। न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी ने राजधानी में यातायात प्रबंधन में विफल रहने पर प्रशासन की आलोचना करते हुए अदालत में उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वह 23 अगस्त को जब अपने घर से आ रहे थे, तो उन्हें मुख्यमंत्री आवास के सामने बहुत अधिक समय तक जाम में फंसा रहना पड़ा। 

डीजीपी ने मांगी माफी

दरअसल, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा द्वारा 23 अगस्त को एक विरोध रैली आयोजित की गई थी। इसी दौरान वह जाम में फंस गए। घटना के बारे में जानकारी देते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी ने कहा, ‘‘यह एक न्यायाधीश की सुरक्षा में गंभीर चूक प्रतीत होती है। सुरक्षा कवर केवल राजनेताओं और नेताओं के लिए है।’’ पीठ के समक्ष पेश हुए डीजीपी गुप्ता ने माफी मांगी और अदालत को आश्वासन दिया कि प्रशासन राज्य की राजधानी में सुचारू यातायात सुनिश्चित करेगा। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने कहा कि यदि एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को अपने कार्यस्थल तक पहुंचने में इतनी कठिनाई का सामना करना पड़ता है, तो नागरिकों की दुर्दशा की कल्पना की जा सकती है। न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि ऐसा लगता है कि व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है। 

भाजयुमो ने किया प्रदर्शन

बता दें कि झारखंड पुलिस ने 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी, पानी की बौछारें कीं और रबर की गोलियां दागीं। बीजेवाईएम के कार्यकर्ता हेमंत सोरेन सरकार और उसके द्वारा किए गए ‘अन्याय’ और चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने के खिलाफ यहां एक विरोध रैली के दौरान बैरिकेड तोड़ दिए थे। कांके मार्ग पर मुख्यमंत्री आवास के सामने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, जो मोरहाबादी मैदान के पास है, जहां प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे। 

जज ने पूछे सवाल

न्यायाधीश ने अधिकारियों से पूछा कि कांके मार्ग पर कोई प्रदर्शन नहीं हुआ था, तो फिर इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी क्यों तैनात किये गये। न्यायमूर्ति द्विवेदी ने यातायात प्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए आज हुई अदालत की कार्यवाही को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद के समक्ष रखने का आदेश दिया। (इनपुट- एजेंसी)

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