देश में वन नेशन, वन इलेक्शन की चर्चा जोरों पर है। इस बीच वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बयान दिया है। हेमंत सोरेन ने बयान देते हुए कहा, 'उनके पास बहुमत है, वे कोई भी निर्णय ले सकते हैं। ये उनका अपना एजेंडा है। वे अपने एजेंडा पर काम करेंगे और हम अपने एजेंडा पर काम करेंगे।' इस मामले पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी बयान दिया है। चिराग पासवान ने गुरुवार को एक देश-एक चुनाव का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय हित में है क्योंकि साथ चुनाव कराने से विकास को बढ़ावा मिलेगा।
वन नेशन-वन इलेक्शन पर क्या बोले चिराग पासवान
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटे बाद पासवान ने कहा कि बार-बार चुनाव देश के विकास में बाधक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह (एक साथ चुनाव) देश के हित में है। इससे विकास को बढ़ावा मिलेगा।’’ पासवान ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी लंबे समय से एक साथ चुनाव कराए जाने की अवधारणा का समर्थन करती रही है। वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ व्यवस्था लागू करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दिये जाने के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सरकार चुनावी शुचिता पर उठ रहे सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस ने किया विरोध
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक देश, एक चुनाव को लागू करने संबंधी विधेयकों को मंजूरी दे दी और मसौदा कानून मौजूदा शीतकालनी सत्र में संसद में पेश किए जाने की संभावना है। बता दें कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी के रुख में कुछ बदलाव नहीं हुआ है। खरगे ने समिति को इस साल 17 जनवरी को पत्र लिखकर ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार का पुरजोर विरोध किया था।
(इनपुट-भाषा)