झारखंड हाई कोर्ट ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन की अवहेलना से संबंधित मामले में रांची की सांसद/विधायक अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी। अदालत ने ED को मामले में एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को तय की गई है।
क्या थी ईडी की शिकायत?
ED ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ शिकायत की थी कि वह भूमि घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एजेंसी द्वारा कई बार तलब किए जाने के बावजूद उपस्थित नहीं हो रहे हैं। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 4 दिसंबर को सोरेन को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे चुनौती दी।
सोरेन ने याचिका में क्या कहा?
हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि वह अपनी आधिकारिक प्रतिबद्धताओं और व्यस्तताओं के कारण व्यक्तिगत रूप से पेश होने में असमर्थ हैं। ED ने सोरेन की याचिका का विरोध करते हुए यह तर्क दिया कि उन्हें सात समन जारी किए गए, लेकिन वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सोरेन को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी।
सोरेन मंत्रिपरिषद का विस्तार
वहीं, एक अन्य खबर में झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार की मंत्रिपरिषद में शामिल मंत्री गुरुवार को शपथ लेंगे। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार राजभवन में मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। राजभवन के अनुसार समारोह की शुरुआत प्रोटेम स्पीकर स्टीफन मरांडी द्वारा दोपहर के आस-पास शपथ लेने के साथ होगी। JMM के वरिष्ठ विधायक मरांडी को 28 नवंबर को कैबिनेट की पहली बैठक के दौरान प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था। नियमित स्पीकर के चुने जाने तक वे सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे। मरांडी के शपथ लेने के बाद मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। कैबिनेट ने 9 से 12 दिसंबर तक विधानसभा सत्र आहूत करने का भी निर्णय लिया। कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने पुष्टि की कि सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे मुख्यमंत्री सोरेन द्वारा राज्यपाल को भेजा जाएगा।
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