झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में 11 कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किया गया है। कैबिनेट विस्तार के साथ ही मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया। 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद हेमंत सरकार में पहली बार मुख्यमंत्री को मिलाकर 12 मंत्री कैबिनेट में हैं। झारखंड विधानसभा की सीटों के मुताबिक, यहां मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 12 मंत्री हो सकते हैं। वहीं, मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की पहली बैठक भी की। इसमें विस्थापन आयोग बनाने को लेकर प्रस्ताव रखा गया।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की जनता ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे निभाना है। पूर्ण मंत्रिमंडल का गठन कर लिया गया है। वहीं, कैबिनेट ने बैठक भी की है। राज्य में माइनिंग गतिविधियां सबसे अधिक चल रही हैं। पूरे देश के 40 फीसदी से ज्यादा खनिज-संपदा झारखंड में है, लेकिन उससे प्रभावित लोगों के लिए कोई स्पष्ट नीति सरकार के पास नहीं है।
बैठक के बाद क्या कहा?
उन्होंने बताया कि आज हम लोगों ने बहुत जल्द विस्थापन आयोग बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा। इस पर हम लोग बहुत जल्द एक मसौदा तैयार करेंगे। सभी विस्थापित लोगों का आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण करेंगे। एक डाटाबेस तैयार करेंगे, जिससे सभी माइनिंग क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव का समझ सकें। एक दस्तावेज हो, जिसमें माइनिंग गतिविधियों, उसके लाभ-हानि का जिक्र हो। माइनिंग का प्रभाव क्या है, उसका मसौदा तैयार किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग, जिन्हें खेत-घर छोड़ना पड़ता है, इसके लिए सरकार एक नीति बनाएगी और उस नीति के साथ सरकार काम करेगी। जो हमने कहा है, उसे धरातल पर उतारना भी हमारी जिम्मेदारी है। यह पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन लोग आश्वस्त रहें, हम इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेंगे। (IANS)
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