झारखंड की विभिन्न जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 39 कैदियों को रिहा किया जाएगा। यह फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 31वीं बैठक में लिया गया। इनकी रिहाई 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन होने की संभावना है। बैठक में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 74 कैदियों की रिहाई से संबंधित मामलों का रिव्यू किया गया। पर्षद के सदस्य ने एक-एक कैदी की फाइल पर मंथन किया और इसके बाद 39 कैदियों को रिहा किए जाने पर सहमति बनी।
इनकम सोर्स डेवलप करने का निर्देश
रिहाई का निर्णय लेते हुए न्यायालयों के निर्णय, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर विचार किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रिहा किए जा रहे कैदियों की फैमिली बैकग्राउंड, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का सत्यापन करें और उनके जीवन यापन के लिए इनकम का सोर्स डेवलप हो, इसकी योजना बनाएं। उन्होंने सभी को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जोड़ने और उन्हें डेयरी फार्म, मुर्गी फार्म, पशुपालन आदि योजनाओं का लाभ दिलाने का सुझाव दिया।
"मुख्यधारा से जोड़ना हमारी नैतिक जिम्मेदारी"
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहा हो रहे कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी नलिन कुमार, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, रांची के न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय, झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता, कारा महानिरीक्षक झारखंड सुदर्शन प्रसाद मंडल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। (IANS)
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