रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि चंपई सोरेन को ब्लड सुगर संबंधित बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चंपई सोरेन को शनिवार रात करीब 9 बजे जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चंपई सोरेन के एक सहयोगी ने जानकारी देते हुए बताया कि बल्ड सुगर कम होने के बाद उन्हें चक्कर आने लगा। इसके बाद चंपई सोरेन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल चंपई सोरेन की हालत स्थिर है।
एक्स पर पोस्ट की तस्वीर
पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी है। उन्होंने एक्स पर अस्पताल में भर्ती खुद की तस्वीर भी शेयर की है। एक्स पर उन्होंने लिखा है, 'स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों की वजह से आज वीर भूमि भोगनाडीह में आयोजित "मांझी परगना महासम्मेलन" में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल रहूंगा। डॉक्टरों के अनुसार चिंता की कोई खास बात नहीं है। मैं शीघ्र पुर्णतः स्वस्थ होकर, आप सभी के बीच वापस आऊंगा। जोहार!'
अस्पताल ने दी स्वास्थ्य की जानकारी
वहीं अस्पताल के महाप्रबंधक डॉ. सुधीर राय ने बताया, ‘‘सोरेन की हालत स्थिर है और उसमें सुधार हो रहा है।’’ बता दें कि चंपई सोरेन ने अगस्त में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। इसके साथ ही उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्टा में खुद के अपमान की बात कही थी। दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद चंपई सोरेन दो फरवरी को प्रदेश के सीएम बने। हालांकि बाद में हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद तीन जुलाई को उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा था।
कौन हैं चंपई सोरेन
आदिवासी नेता चंपई सोरेन ने 1990 के दशक में एक अलग राज्य के निर्माण की लंबी लड़ाई लड़ी। अपने इस योगदान के लिए उन्हें 'झारखंड का टाइगर' कहा जाता है। झारखंड का गठन 2000 में बिहार के दक्षिणी भाग से किया गया था। एक सरकारी स्कूल से मैट्रिक पास करने वाले चंपई सोरेन 1991 में अविभाजित बिहार में सरायकेला सीट से उपचुनाव के माध्यम से एक स्वतंत्र विधायक के रूप में निर्वाचित होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। चार साल बाद, उन्होंने झामुमो के टिकट पर इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के पांचू टुडू को हराया। 2000 के विधानसभा चुनाव में, जो राज्य में पहली बार हुआ था, उसी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अनंत राम टुडू से हार गए थे। उन्होंने 2005 में भाजपा उम्मीदवार को केवल 880 वोटों के अंतर से हराकर यह सीट दोबारा हासिल की। चंपई सोरेन ने इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में चुनाव जीता।
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