रांची: हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय विधानसभा क्षेत्र में 17,142 वोटों से महत्वपूर्ण जीत हासिल की। शुरुआती दौर में बीजेपी की मुन्निया देवी से पिछड़ने के बावजूद कल्पना ने जोरदार वापसी करते हुए जीत हासिल की। कल्पना को कुल 119372 वोट मिले जबकि बीजेपी को 102230 वोट से संतोष करना पड़ा। दोनों पार्टियों के बीच यहां पर मुकाबला देखा गया। कोई तीसरा दल 2760 से ज्यादा नहीं पा सका।
उपचुनाव में भी दर्ज की थी जीत
कल्पना की जीत ने झारखंड की राजनीति में उनके बढ़ते प्रभाव को और मजबूत कर दिया है। इससे पहले उन्होंने हेमंत सोरेन की कानूनी परेशानियों के बाद गांडेय उपचुनाव के माध्यम से राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर 4 जून को हुए उपचुनाव में कल्पना ने जीत हासिल की थी। उन्होंने बीजेपी के दिलीप कुमार वर्मा को 27,149 वोटों से हराया था।
झामुमो को पुनर्जीवित करने का श्रेय कल्पना सोरेन को
हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन को अपने पति की गिरफ्तारी के बाद झामुमो को पुनर्जीवित करने का श्रेय दिया जाता है। कल्पना ने भी गांडेय सीट पर जीत हासिल की है। चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सरायकेला सीट पर 20,447 वोटों से जीत हासिल की। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी को चंदनकियारी में करारी हार का सामना करना पड़ा और वह तीसरे स्थान पर रहे।
हेमंत सोरेन को भी मिली बड़ी जीत
वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है। सोरेन ने बीजेपी के गमलीयेल हेम्ब्रोम को 39,791 वोटों के अंतर से हराया। जनता के समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने झारखंड में लोकतंत्र की परीक्षा उत्तीर्ण की है। उन्होंने कहा कि मैं इस शानदार प्रदर्शन के लिए लोगों का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड "अबुआ राज, अबुआ सरकार" (अपना राज्य, अपनी सरकार) की पटकथा लिखने के लिए तैयार है।
हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन भी जीते
हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन ने भाजपा के सुनील सोरेन को 14,588 वोटों से हराकर दुमका सीट बरकरार रखी। बसंत को 95,685 वोट मिले, जबकि सुनील को 81,097 वोट मिले। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का गढ़ माने जाने वाला दुमका एक पारिवारिक गढ़ रहा है, जहां बसंत के लिए सीट छोड़ने से पहले 2019 में हेमंत सोरेन ने सीट जीती थी।
बता दें कि हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने शनिवार को 81 सदस्यीय विधानसभा की 56 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। आरएलडी को चार सीट तो सीपीआई (एमएल) को 2 सीट मिली। कांग्रेस ने 16 सीट जीती। जेएमएम को सबसे ज्यादा 34 सीट मिली। बीजेपी को 21 और उसके सहयोगी आजसू, लोजपा, जेडीयू को एक-एक सीट मिली है।