झारखंड को उसका मुख्यमंत्री तो हेमंत सोरेन के रूप में मिल गया लेकिन मंत्रिमंडल को लेकर अब भी इंडिया गठबंधन में पेंच फंसा हुआ है। अभी तक झारखंड के मंत्रिमंडल को लेकर कोई नाम सामने नहीं आया है। हालांकि कहा जा रहा कि मंत्रिमंडल में जेएमएम-कांग्रेस और RJD ने 6-4-1 पर फॉर्मूला तो तय कर लिया है, लेकिन अब तक किसी पार्टी ने मंत्रियों के नाम को सार्वजनिक नहीं किया है। माना जा रहा कि 9 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले हेमंत सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा।
इस पार्टी में फंसा हुआ है पेंच
जानकारी के मुताबिक, इंडिया गठबंधन के सबसे बड़े दल जेएमएम ने तो अपने मंत्रियों के नाम तय कर लिए हैं, पर कांग्रेस में अभी भी नामों को लेकर उठक-पटक चल रहा है। कांग्रेस में अभी तक मंत्रियों के नामों को लेकर कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। माना जा रहा कि हर पार्टी प्रमंडल और जातीय समीकरण को लेकर विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देने की कोशिश हो रही है। इसके पीछे की मकसद यह है कि मंत्रिमंडल से पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व हो सकेगा और पार्टी और विधायकों में नाराजगी भी कम रहेगी।
किस तर्ज पर बन रहा मंत्रिमंडल
रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस को पिछली गठबंधन सरकार के तर्ज पर अपने पार्टी कोटे से 4 मंत्री पद मिल सकते हैं। पिछली बार तो पार्टी विधायक दल का नेता भी मंत्री था। पर इस बार इसमें बदलाव करते हुए कांग्रेस कैबिनेट में 4 मंत्रियों और विधायक दल के नेता-उपनेता को अलग-अलग रखने का मन बना रही है। इसी कारण प्रदेश कांग्रेस ने आलाकमान को इसका प्रस्ताव भी भेज दिया है। अब फैसला आलाकमान पर निर्भर है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के कई विधायक मंत्री पद की चाह में दिल्ली में डटे हुए हैं। वे शपथ ग्रहण समारोह के बाद से ही दिल्ली में जमे हुए हैं। पार्टी विधायक अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए पार्टी के आलाकमान के पास अपना दावा कर रहे हैं।
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