रांची: हेमंत सोरेन ने गुरुवार को झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली। सोरेन के शपथ लेने के बाद राज्य में जो नई सरकार अस्तित्व में आई है, उसकी अधिकतम उम्र 6 महीने होगी। झारखंड की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को पूरा हो रहा है। माना जा रहा है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ अक्टूबर में ही झारखंड में भी विधानसभा चुनाव हो सकता है। ऐसा होने पर इस सरकार का कार्यकाल 3 से 4 महीने ही होगा। इसके पहले 2 फरवरी को चंपई सोरेन की अगुवाई में बनी सरकार का चैप्टर महज 152 दिनों में ही क्लोज हो गया।
राजनीतिक अस्थिरता की प्रयोगशाला बनकर रह गया है झारखंड
हकीकत यह है कि भारत के नक्शे पर 28वें राज्य के रूप में 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राजनीतिक अस्थिरता की प्रयोगशाला बनकर रह गया है। तकरीबन 23 साल 8 माह की उम्र वाले इस सूबे में अब तक 13 बार सीएम बने और 3 दफा राष्ट्रपति शासन लगा है। मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन ने अपनी तीसरी पारी शुरू की है। उनका अब तक का कुल कार्यकाल तकरीबन 5 साल 199 दिन का रहा है। वह आगामी विधानसभा चुनाव तक इस पद पर बने रहे, तो उनके कार्यकाल में कुछ और दिनों का इजाफा हो जाएगा।
रघुवर दास ही मुख्यमंत्री के रूप में पूरा कर पाए अपना कार्यकाल
झारखंड में मुख्यमंत्रियों का औसत कार्यकाल लगभग मात्र 1.5 साल का है। सिर्फ रघुवर दास ही सूबे के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं, जिनकी सरकार ने 2014 से 2019 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। 2019 में हुए विधानसभा के चुनाव के बाद से अब तक राज्य में 3 सरकारें बन चुकी है। झारखंड के नाम ही यह नायाब राजनीतिक रिकॉर्ड भी है कि यहां निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा भी मुख्यमंत्री रहे हैं। वह लगभग 2 साल तक इस पद पर रहे। हेमंत सोरेन के पिता और JMM के अध्यक्ष शिबू सोरेन भी तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
14 साल में ही बन गई थीं 9 सरकारें, 3 बार लगा था राष्ट्रपति शासन
मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में शिबू सोरेन सिर्फ 10 दिन ही इस कुर्सी पर बैठ पाए थे। 2000 से 2014 के बीच झारखंड में 5 मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व वाली 9 सरकारें बनीं और 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा। इस दौरान बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन बारी-बारी से CM बने और उनका औसत कार्यकाल लगभग 15 महीने रहा। राज्य के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी का कार्यकाल लगभग 2 साल 3 महीने रहा था। अर्जुन मुंडा 3 बार CM बने और उनका कुल कार्यकाल 6 साल से कुछ कम रहा। झारखंड ने कुल 645 दिनों के लिए 3 बार राष्ट्रपति शासन भी देखा है। (IANS)