रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगे। रांची में दोपहर एक बजे शिवराज सिंह चौहान और हिमंता विश्व शर्मा की मौजूदगी में अपने हज़ारों समर्थकों के साथ वे पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इससे पहले चंपई सोरेन ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया पर यह बताया था कि चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होंगे।
जेएमएम से क्यों हुए अलग
चंपई सोरेन ने आरोप लगाया था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनका अपमान कर रहा है और वे जल्द ही अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर कोई फैसला लेंगे। चंपई के इस बयान के बाद से ही ये अनुमान लगाए जा रहे थे कि चंपई बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने इस सप्ताह के प्रारंभ में नयी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी और भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी।
झारखंड के हित में लिया फैसला
बुधवार को अपने बेटे के साथ रांची पहुंचे चंपई का बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने स्वागत किया। चंपई सोरेन ने यहां कहा, ‘‘फैसला (भाजपा में शामिल होने का) झारखंड के हित में है। मुझे संघर्षों की आदत है।’’ जब उनसे इस आरोप के बारे में पूछा कि उन पर नजर रखी जा रही है, तब पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसी भी स्थिति से भयभीत नहीं हैं।
चंपई की जासूसी हुई!
इससे पहले, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आरोप लगाया था कि चंपई सोरेन की पिछले पांच महीनों से ‘उनकी अपनी सरकार’ की पुलिस ही जासूसी कर रही थी। शर्मा ने दावा किया था कि चंपई सोरेन के करीबी लोगों ने दिल्ली के एक होटल में झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के दो उप निरीक्षकों (एसआई) को पूर्व मुख्यमंत्री पर नजर रखते हुए पकड़ा था।
दो फरवरी को ली थी सीएम की शपथ
चंपई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। मंगलवार को चंपई सोरेन ने कहा था कि वह आदिवासी पहचान एवं अस्तित्व को बचाने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं जो बांग्लादेश से ‘बड़े पैमाने पर’ घुसपैठ के कारण राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में दांव पर लगी हुई है। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री पद संभालने वाले झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने कहा कि केवल भाजपा ही आदिवासियों के मुद्दे पर गंभीर दिखाई देती है, जबकि अन्य वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं।