झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा तेज है। अटकलें लगाए जा रही हैं कि वह JMM के 6 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इन्हीं चर्चाओं के बीच चंपई सोरेन रविवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे। पूर्व सीएम चंपई सोरेन से पत्रकारों ने जब बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने से जुड़ा सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं अपने निजी काम के लिए दिल्ली आया हूं। मेरे बच्चे यहां रहते हैं, उनसे मिलने आया हूं, इसलिए दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। इसी वजह से आज भी दिल्ली आया हूं।
अटकलों पर चंपई सोरेन का बयान
बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर चंपई सोरेन ने मीडिया के सामने एक बार फिर दोहराया, ''अभी मैं जहां पर हूं, वहीं हूं।'' कोलकाता में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात के सवाल पर चंपई सोरेन ने कहा, "मेरी कोलकाता में किसी से मुलाकात नहीं हुई है। मैं निजी काम से दिल्ली आया हूं। बाद में आप लोगों को बताउंगा।" दूसरी ओर चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का नाम हटा दिया है। वहीं, उनके पैतृक गांव स्थित घर से भी पार्टी का झंडा हटाया गया है।
गागराई ने किया खबर का खंडन
वहीं, JMM विधायक दशरथ गागराई ने बीजेपी में जाने की खबर का खंडन किया है। उन्होंने गुरु शिबू सोरेन को अपना नेता बताया है। साथ ही कहा है कि आधी रोटी खा लेंगे, मगर गुरु जी के मान-सम्मान को नीचे नहीं होने देंगे। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की ओर से हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन 2 फरवरी 2024 से 3 जुलाई 2024 तक झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। हालांकि, हेमंत सोरेन ने जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद फिर से सीएम की कुर्सी संभाली थी। उस समय भी चंपई सोरेन की सीएम पद से विदाई के बाद नाराजगी की खबरें सामने आई थीं। दावा तो यहां तक किया गया था कि काफी मनाने के बाद चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव स्वीकार किया था।
संजय राउत की भी आई प्रतिक्रिया
वहीं, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM नेता चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि झारखंड सरकार को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। संजय राउत ने सवालिया लहजे में पूछा, "झारखंड से जो खबरें आ रही है, वहां क्या हो रहा है? हेमंत सोरेन को तकलीफ में लाने के लिए एक बार फिर से वहां पर कोशिश की जा रही है। उनकी एक मजबूत सरकार है, लेकिन उसमें से कुछ लोगों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। अगर चुनाव घोषित कर देते तो मॉडल कोर्ड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाता।" (अनामिका गौड़ के इनपुट के साथ)
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