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डूरू में किसके सिर सजेगा ताज कांग्रेस, पीडीपी या अपनी पार्टी? यहां बदलता रहा है जनता का मिजाज

डूरू में पहले चरण में चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस, पीडीपी समेत तमाम पार्टियां यहां अपना-अपना दमखम अजमा रही हैं।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: September 17, 2024 17:25 IST
डूरू में किसके सिर सजेगा ताज- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV डूरू में किसके सिर सजेगा ताज

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होगा। इस चरण में 24 विधानसभा क्षेत्रों से 219 उम्मीदवार मैदान में हैं यानी कि पहले चरण में 24 विधानसभाओं में मतदान होगी। इसी चरण में एक हॉट सीट है डूरू, यहां कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी किस्मत अब जनता के वोट में है, पर मुख्य रूप से यहां 4 उम्मीदवारों में टक्कर देखने को मिलेगी, इनमें कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर, पीडीपी के मोहम्मद अशरफ मलिक, अपनी पार्टी के बशीर अहमद वानी और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मोहम्मद सलीम पारे के बीच मानी जा रही है।

किसके बीच है बराबर की टक्कर?

इस बार डूरू में कांग्रेस के पूर्व जम्मू-कश्मीर प्रमुख गुलाम अहमद मीर और पीडीपी उम्मीदवार रिटायर सेशन जज मोहम्मद अशरफ मलिक के बीच कड़ी टक्कर है। अशरफ हाल ही में पीडीपी में शामिल हुए हैं। इस क्षेत्र में अशरफ की पकड़ काफी मजबूत है। अपनी पार्टी के उम्मीदवार बशीर अहमद वानी ज्यादा मजबूत नहीं हैं, लेकिन क्षेत्र में वह लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।

कौन हैं ये चारों उम्मीदवार?

  1. गुलाम अहमद मीर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। 2022 में उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ा। इस बार कांग्रेस ने इन पर दांव खेला है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इन्होंने अपनी किस्मत अजमाई थी, लेकिन इन्हें यहां हार मिली थी।
  2. पीडीपी उम्मीदवार मोहम्मद अशरफ मलिक सेशन जज के पद से हाल ही में रिटायर हुए हैं। इसके बाद उन्होंने महबूबा मुफ्ती की पार्टी ज्वाइन कर ली। पार्टी ने इन पर भरोसा जताते हुए इन्हें इस बार मैदान में उतारा है।
  3. बशीर अहमद एक व्यवसायी हैं। बशीर अहमद पहले पीडीपी में शामिल हुए और फिर डीडीसी चुनाव में बतौर निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें सिर्फ़ 190 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद वे अल्ताफ़ बुखारी की अपनी पार्टी में शामिल हो गए।
  4. एडवोकेट सलीम पैरी नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर डीडीसी सदस्य बने, लेकिन बाद में 2022 में उन्होंने एनसी से इस्तीफा दे दिया और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस सज्जाद लोन की पार्टी में शामिल हो गए। वहां भी उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। आजाद की पार्टी लॉन्च की गई। वे आजाद में शामिल हो गए और आजाद की पार्टी के टिकट पर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। अब वे फिर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

पिछले चुनाव के नतीजे

अनंतनाग की डूरू सीट में पहले भी पीडीपी और कांग्रेस की कांटे की टक्कर रही है। पिछली बार यहां से पीडीपी ने बाजी मारी थी, यानी साल 2014 के विधानसभा चुनाव में पीडीपी पार्टी के सैयद फारूक अहमद अंद्राबी 18,150 वोटों से जीते थे, जबकि दूसरे स्थान पर कांग्रेस पार्टी के गुलाम अहमद मीर रहे थे। पीडीपी के सैयद फारूक अहमद अंद्राबी महज 161 वोटों ये जीत अपने नाम की थी।

वहीं, 2008 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के गुलाम अहमद मीर 15,870 वोटों से जीत दर्ज की थी, जबकि दूसरे स्थान पर जेकेपीडीपी पार्टी के सैयद फारूक अहमद अंद्राबी रहे थे। उस दौरान दोनों के बीच जीत का अंतर 5,918 वोट था।

डूरू सीट का इतिहास

इस सीट से साल 1962 से लेकर 1996 तक नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के उम्मीदवार ही जीते थे, 1962 में नेशनल कांफ्रेंस के मीर कासिम विधायक थे, इसके बाद 1977 में हाजी अब्दुल गनी खान, फिर 1983 और 1987 में मोहम्मद अकबर गनी जीते थे, इसके बाद 1996 में गुलाम हसन वानी ने इस सीट पर फतह हासिल की थी। इसके बाद 2002 में कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर ने यहां से जीत दर्ज की, फिर 2008 में भी गुलाम अहमद मीर दोबारा यहां से चुने गए। इसके बाद साल 2014 के विधानसभा चुनाव में सैयद फारुक अहमद अंद्राबी यहां से विधायक चुने गए।

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