नए साल के मौके पर जम्मू-कश्मीर में मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। राज्य में नए साल की शुरुआत बारिश और बर्फबारी के साथ होगी। आमतौर पर इस राज्य में लोग नए साल का जश्न मनाने और बर्फबारी का आनंद लेने आते हैं। कश्मीर में मंगलवार को शीतलहर और तेज हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक नए साल पर यहां कड़ाके की ठंड देखने को मिलेगी। जम्मू-कश्मीर में 1 जनवरी को बर्फबारी का अलर्ट है। यहां कई इलाकों में पहले से ही बर्फ की चादर जमी हुई है और तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है।
अगले हफ्ते कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग ने नए साल के पहले दिन हल्की बर्फबारी और अगले सप्ताह मध्यम बर्फबारी का अनुमान जताया है। विभाग ने कहा, ‘‘एक और दो जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ के यहां से गुजरने के कारण कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी के आसार हैं। 3 जनवरी तक इसके प्रभाव के कारण मध्यम से भारी बर्फबारी हो सकती है, जबकि चार से छह जनवरी को विभिन्न स्थानों में भारी बर्फबारी के आसार हैं।’’
कहां-कितना रहा तापमान?
मौसम विभाग ने बताया कि उत्तरी कश्मीर में ‘स्कीइंग’ के लिए मशहूर पर्यटक स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 11.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात से डेढ़ डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 9.2 डिग्री सेल्सियस नीचे था। श्रीनगर में रात के समय तापमान शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो पिछली रात से दो डिग्री सेल्सियस कम है। मौसम विभाग ने बताया कि कश्मीर के प्रवेश द्वार काजीगुंड और पंपोर शहर के कोनीबल में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
विभाग ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान 0.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दक्षिणी कश्मीर के कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। घाटी में कुपवाड़ा एकमात्र ऐसा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से ऊपर रहा।
‘चिल्ला-ए-कलां’ की चपेट में कश्मीर घाटी
वर्तमान में कश्मीर घाटी ‘चिल्ला-ए-कलां’ (सर्वाधिक ठंड की अवधि) की चपेट में है। इसे सर्दियों का सबसे कठिन समय माना जाता है, जो 21 दिसंबर से शुरू हुआ था। ‘चिल्ला-ए-कलां’ की 40 दिनों की अवधि के दौरान सबसे अधिक बर्फबारी होती है। ‘चिल्ला-ए-कलां’ अगले साल 30 जनवरी को खत्म हो जाएगा, लेकिन शीतलहर जारी रहेगी। 40 दिनों के बाद 20 दिवसीय ‘चिल्ला-ए-खुर्द’ और 10 दिन का ‘चिल्ला-ए-बच्चा’ भी होगा जब घाटी में ठंड में धीरे-धीरे कमी आएगी।
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