श्रीनगर: कश्मीर में हर गुजरता दिन एक नई मुसीबत लेकर आ रहा है। पहले दिसंबर महीने में हुई कम बारिश और बर्फबारी ने चिंताएं बढ़ा दीं तो अब जनवरी का महीना भी सूखे आंसू रुला रहा है। खुश्क मौसम के कारण जहां पर्यटक पहले ही निराश होकर वापस लौट रहे हैं तो वहीं अब सूखे के कारण नदी और नालों का पानी भी काम हो रहा है। मौसम की इस मार से अब वाटर सप्लाई की कमी जल विभाग के लिए परेशानी का सबक बनने लगी है।
न्यूनतम स्तर से नीचे गया पानी
कश्मीर में सूखे से परेशान लोग बर्फबारी की दुआ कर रहे हैं। क्योंकि सूखे के कारण आने वाले दिनों में सिंचाई की कमी के चलते सरसों, गेहूं और जौ की खेती नहीं हो सकेगी। कम बारिश और ना के बराबर हुई बर्फबारी से नदी और नालों में पानी की कमी होने लगी है। आलम ऐसा है कि झेलम में पानी न्यूनतम स्तर से एक मीटर नीचे चला गया है। सिंचाई विभाग के अनुसार अब कुदरत ही इस स्थिति से लोगों को बचा सकती है और उनको उम्मीद है कि बुवाई का सीजन शुरू होने से पहले बारिश और बर्फबारी होगी और सब ठीक हो जाएगा, लेकिन फिलहाल हालात गंभीर हैं।
वाटर सप्लाई पर पड़ेगा असर
जल शक्ति विभाग की मानें तो मौसम में आए इस बदलाव का असर आने वाले दिनों में पीने के पानी की सप्लाई पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि "अभी तक पानी की सप्लाई पर असर तो नहीं पड़ा है, लेकिन आने वाले दिनों में कभी भी सप्लाई पूरी तरह रुक सकती है, इसलिए लोगों को अपने घरों में पानी को स्टोर करने का प्रबंध करना चाहिए।
24 जनवरी तक ऐसा ही रहेगा मौसम
वहीं मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल 24 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर में मौसम में कोई बड़ा बदलाव आने की संभावना नहीं है। यानी कि आने वाले दिनों में कश्मीर की रातें इसी तरह से सर्द और दिन गर्म रहेंगे, जिसका सीधा असर टूरिज्म के साथ-साथ वाटर सप्लाई पर पड़ सकता है। जो निसंदेह ही आम लोगों और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी समस्या बन सकती है।
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