जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में 3 चरणों में विधानसभा चुनाव हैं। जम्मू-कश्मीर में साल 2014 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। तब से केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा के चुनाव नहीं हुए हैं। पिछले 10 सालों में जम्मू-कश्मीर में काफी हालात बदल गए हैं। सियासी गलियारों से लेकर घाटी की आबोहवा भी बदल चुकी है।
बारामूला लोकसभा सीट में उरी विधानसभा क्षेत्र
जम्मू-कश्मीर की वीआईपी सीटों की बात करें तो उरी विधानसभा क्षेत्र उनमें से एक है। उरी बारामूला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। बारामूला लोकसभा सीट से 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल राशिद शेख की जीत हुई है। राशिद शेख ने जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार व पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को चुनाव में हराया है।
उरी से NC उम्मीदवार मोहम्मद शाफी ने दर्ज की थी जीत
वहीं, अब उरी विधानसभा में देखना होगा कि क्या यहां भी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को हार मिलने वाली है या लोकसभा चुनाव परिणाम के उलट एनसी उरी विधानसभा से जीत दर्ज करेगी। उरी के पिछले चुनावी परिणाम (2014) में नजर डालें तो यहां से एनसी के उम्मीदवार मोहम्मद शाफी ने जीत दर्ज की थी।
उरी के विधानसभा 2014 का चुनावी परिणाम
2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम में उरी से एनसी उम्मीदवार शाफी को 24359 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर यहां से जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के आईजाज अली खान रहे थे। अली खान को कुल 18567 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस से ताज मोहिउद्दीन रहे थे। कांग्रेस उम्मीदवार को 16567 वोट मिले थे। उरी विधानसभा क्षेत्र में 2014 में कुल वोटिंग 82.85 प्रतिशत हुई थी।
इस बार बदल गए समीकरण
बता दें कि इस बार राज्य के सियासी समीकरण बदल गए हैं। पहले कई सीटों पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों में सीधी तौर पर लड़ाई देखी गई थी। इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ है। ये INDIA गठबंधन है, जो कि लोकसभा चुनाव 2024 में भी था। ऐसे में अब उरी सीट पर होने वाले विधानसभा चुनाव की लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है। कांग्रेस और एनसी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में यहां से इनमें से कोई भी एनसी या कांग्रेस का उम्मीदवार जीत दर्ज कर सकता है।
युवा बदलेगा घाटी की तकदीर
उरी विधानसभा सीट में तीसरे चरण यानी 1 अक्टूबर को चुनाव होना है। इस बार जम्मू-कश्मीर में कुल मतदाताओं की संख्या 88,66,704 है। इनमें से 4,27,813 युवा मतदाता हैं, जिनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। ऐसे में युवा वोटरों के चुनाव में बढ़ चढ़कर वोट डालने की गुंजाइश है।