रियासी: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बने दुनिया के सबसे ऊंचे स्टील आर्क ब्रिज पर जल्द ही ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इसकी तारीख भी तय कर दी गई है। बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस पुल पर पहली ट्रेन का संचालन किया जाएगा। ट्रेन का संचालन संगलदान से रियासी के बीच किया जाएगा। बता दें कि ये पुल दुनिया का सबसे ऊंचा स्टील आर्क ब्रिज है। इसे बनाने खास तकनीकों का प्रयोग किया गया है, जिससे विषम परिस्थितियों में भी इसका उपयोग किया जा सके।
ट्रेन के संचालन के लिए चुना गया खास दिन
दरअसल, रियासी जिले में दुनिया का सबसे ऊंचा स्टील आर्क ब्रिज बनाया गया है। इस ब्रिज पर स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को पहली ट्रेन चलेगी। संगलदान से रियासी के बीच चलने वाली यह ट्रेन सेवा उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का हिस्सा है। 20 जून को इस पुल पर ट्रेन का ट्रायल हुआ था। इससे पहले 16 जून को पुल पर इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल हुआ था। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 29 मीटर ऊंचा है। एफिल टॉवर की ऊंचाई 330 मीटर है, जबकि 1.3 किलोमीटर लंबा यह पुल चिनाब नदी पर 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है।
बेहद खास है चिनाब नदी पर बना यह पुल
बता दें कि यह पुल 40 किलोग्राम तक विस्फोटक और रिक्टर पैमाने पर 8 तीव्रता तक का भूकंप झेल सकता है। पाकिस्तान सीमा से इसकी हवाई दूरी सिर्फ 65 किलोमीटर है। इस पुल के खुलने से कश्मीर घाटी हर मौसम में भारत के अन्य हिस्सों से रेल मार्ग से जुड़ी रहेगी। यूएसबीआरएल परियोजना 1997 में शुरू हुई थी। इसके तहत 272 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जानी थी। अब तक विभिन्न चरणों में 209 किमी. बिछाई जा चुकी है। इस साल के अंत तक रियासी को कटरा से जोड़ने वाली आखिरी 17 किमी लाइन बिछा दी जाएगी, जिसके बाद यात्री जम्मू के रियासी से कश्मीर के बारामूला तक यात्रा कर सकेंगे।
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