जम्मू कश्मीर से एक मन को सूकून देने वाली खबर सामने आ रही है। श्रीनगर से करीब 160 किलोमीटर दूर केरन सेक्टर, जहां हमेशा गोलियों की आवाज सुनाई देती रहती थी, आज वो बॉर्डर टूरिज़्म के नाम से जाना जाने लगा हैं। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों की गोद में बसा यह छोटा-सा गाँव हरे -भरे खेतों, नदी नालों और जंगल की पगडंडियों पर टहलने वाले पर्यटकों से गुलजार हैं। यह जगह आज आम लोगों और पर्यटकों के लिए एक नया पर्यटन स्थल बन गया हैं। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 6 महीनों में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने यहां की सैर की हैं।
पीओके महज़ 100 मीटर दूर
किशन गंगा नदी के किनारे पर बना केरन गांव बेहद खूबसूरत हैं, यहां से पीओके की दूरी महज़ 100 मीटर है, यहां सीमा के इस पार और उस पार रहने वाले लोगों के बीच सिर्फ एक नदी का फासला हैं, जिसे किशन गंगा नदी के नाम से जाना जाता है और सीमा के उस पार रहने वाले लोग इसे नीलम वैली कहते हैं। यहां से लोग आसानी से एक-दूसरे के साथ बात कर पाते हैं, इसलिए यह जगह पर्यटकों को खासा आकर्षित कर रहा हैं।
दशकों के बाद यहां सूकून
यहां के निवासियों का कहना हैं कि कई दशकों के बाद यहां सूकून दिख रहा हैं, यह जगह आज पर्यटकों से भरी रहती है, यहां प्रतिदिन 1800 के आस-पास पर्यटक आते हैं, अब यहां कई होटल,रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस खुल गए हैं, जहां कुछ साल पहले तक यहां सिर्फ गोलियों की गूंज और बारूद की निशान नजर आते थे। सरकार भी अब इस बदलाव को देख कर अब केरन सेक्टर के बुनियादी ढांचे के विकास पर ज़ोर दे रही हैं। 15 हज़ार से अधिक आबादी वाले इस क्षेत्र में 20 से अधिक छोटे गेस्ट हाउस, होम स्टे और पर्यटकों के लिए कई टेंट वाले आवास बनाए गए हैं।
4 साल से सीज़ फायर एग्रीमेंट
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले 4 साल से सीज़ फायर एग्रीमेंट जारी है, जिसके कारण यह जगह आम लोगों और पर्यटकों के लिए पहली पसंद बन रही हैं, सरकार की भी कोशिश है कि कश्मीर में अमन और शांति बनी रहे ताकि यह खूबसूरत पर्यटन स्थल टूरिज़्म के नक़्शे पर आ सके।
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