जम्मू-कश्मीर में 1 अक्टूबर को अब तीसरे चरण का चुनाव है। अंतिम चरण के चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार जोरों से चल रहा है। सोपोर विधानसभा सीट से आतंकी अफजल गुरु के भाई एजाज अहमद गुरु चुनाव लड़ रहे हैं। विकास और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे एजाज अहमद गुरु का कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियां केंद्र शासित प्रदेश की व्यापक समस्याओं को दर्शाती हैं।
अपनी अलग छवि बनाने में जुटे एजाज अहमद
निर्दलीय प्रत्याशी एजाज अहमद गुरु, संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के भाई हैं। सोपोर विधानसभा क्षेत्र के उत्थान और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के वादे के साथ एजाज गुरु अपने भाई की छवि से अलग अपनी राजनीतिक पहचान बनाने के लिए चुनाव मैदान में हैं।
मेरे भाई का दृष्टिकोण अलग- मेरा अलग- एजाज अहमद
एजाज गुरु ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मेरे भाई का दृष्टिकोण अलग था और मेरा अलग है।' एजाज गुरु ने इस बात पर जोर दिया कि उनका ध्यान अलगाववादी विचारधाराओं के बजाय विकास पर है।
आतंक का गढ़ बना सोपोर- एजाज अहमद गुरु
निर्दलीय उम्मीदवार एजाज अहमद गुरु ने संविधान को बनाए रखने और सोपोर की गंभीर समस्याओं को दूर करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। मैट्रिक की पढ़ाई पूरी नहीं करने वाले एजाज गुरु ने कहा कि इस क्षेत्र को सालों से उपेक्षा का सामना करना पड़ा है। किसी जमाने में सेब के बागों के लिए प्रसिद्ध रहा सोपोर 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद के गढ़ के रूप में तब्दील हो गया था।
यहां के युवा हैं बेरोजगार
एजाज गुरु ने कहा, 'सोपोर के युवा बेरोजगार हैं और पिछले चार-पांच साल में मंहगाई बढ़ने से जीवनयापन मुश्किल हो गया है। अमीर लोग भले ही इससे प्रभावित न हों लेकिन गरीब तबका और गरीब हो गया है।'
विकास और रोजगार के मुद्दे पर लड़ रहे चुनाव
आतंकी अफजल गुरु के भाई एजाज गुरु ने इन मुद्दों से निपटने और वंचितों की जरूरतों को पूरा करने की कसम खाई। उन्होंने जोर देकर कहा कि सोपोर के सामने आने वाली चुनौतियां जम्मू-कश्मीर में व्यापक समस्याओं को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा, 'मेरा दृष्टिकोण विकास और रोजगार पर केंद्रित है।'
कौन है अफजल गुरु?
मालूम हो कि अफजल गुरु को दिसंबर 2001 में संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। वहीं, अब उसका भाई सोपोर से विकास और युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा है।
भाषा के इनपुट के साथ