प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाए जाने का फैसला बेहतर साबित हो रहा है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में आतंकी और आतंकवाद घुटने टेकने लगे हैं। लगातार आतंकी घटनाओं और घुसपैठ में कमी देखी जा रही है। हालांकि पाकिस्तान अभी भी आतंक फैलाने और घुसपैठ के प्रयास में कोई कमी नहीं छोड़ रहा। मगर सुरक्षा बलों की सतर्कता के चलते घुसपैठिये बॉर्डर पर ही ढेर कर दिए जा रहे हैं। लिहाजा अब पाकिस्तान ड्रोन के जरिये हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में जुट गया है, जिसे सीमा सुरक्षा बलों द्वारा लगातार विफल किया जा रहा है।
केंद्र सरकार के आंकड़ो के अनुसार जम्मू-कश्मीर में पिछले 2 वर्षों के दौरान आतंक और घुसपैठ में काफी कमी देखने को मिली है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि पिछले दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हिंसा और घुसपैठ रिकॉर्ड स्तर तक कम हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल जून के अंत तक आतंकी हिंसा की 26 घटनाएं हुई हैं और कोई घुसपैठ नहीं हुई है। राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि वर्ष 2022 में आतंकवाद से संबंधित 125 घटनाएं और घुसपैठ की 14 घटनाएं हुईं थी।
वर्ष 2021 के मुकाबले 22 में कम हुई आतंकी घटनाएं
रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2022 में आतंकी घटनाओं का आंकड़ा 125 और घुसपैठ का 14 है। जबकि वर्ष 2021 में आतंकवाद की 134 और घुसपैठ की 34 की घटनाएं हुईं। जबकि इस वर्ष पिछले 6 माह में अब तक सिर्फ 26 आतंकी घटनाएं ही घटी हैं। जबकि घुसपैठ कोई नहीं हुई है। मंत्री ने कहा कि आतंकवादी हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए, जिनमें सक्रिय आतंकवाद विरोधी अभियान, आतंकवादियों के समर्थकों की शिनाख्त और गिरफ्तारी, पुलिस, सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती और रात्रि के समय गश्त शामिल हैं। उनका यह भी कहना था कि सरकार ने सीमा पार घुसपैठ से निपटने के लिए अच्छी तरह से समन्वित और बहुआयामी रणनीति अपनाई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा/नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा बलों की सामरिक तैनाती और निगरानी कैमरे, नाइट विजन कैमरे और हीट सेंसिंग उपकरण आदि तकनीक का उपयोग शामिल है। (भाषा)
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