भारतीय सेना के 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की है। राजीव घई ने कहा कि इस समय घाटी में सुरक्षा स्थिति सामान्य है। हिंसा बिलकुल भी न के बराबर हुई है। डेढ़ साल में जी-20 और इलेक्शन जैसे बड़े काम यहां पर हुए हैं। अमरनाथ यात्रा को लेकर लोगों के अंदर जो भय था। उसको भी जीरो या नॉर्मल किया गया है। इस समय LOC भारतीय सेना कई ऑपरेशन कर रही है। भारतीय सेना घाटी में टेरर नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने पर बल दे रही है। आतंकवाद के नेटवर्क के ईको सिस्टम को भारतीय सेना ने नुकसान पहुंचाया है।
14 आतंकियों को मार गिराया गया
जनरल राजीव घई ने कहा कि आतंकी LOC से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं। इस साल करीब 11 घुसपैठ की कोशिश की गई। भारतीय सेना ने 14 आतंकियों को मार गिराया है, जो कि भारत के अंदर सीमा में प्रवेश कर आ गए थे।
गोली लगने के बाद पाक चले गए आंतकी, वहां हो गई मौत
15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि चार ऐसे ही घुसपैठ की कोशिश भी है जिसमें हमने आतंकियों को मारा लेकिन गोली लगने के बाद वो वापस पाकिस्तान में चले गए। इसके बाद उनकी मौत हो गई। बॉर्डर पर घुसपैठ को रोकने के लिए तकनीक और आधुनिक तकनीकों का सहारा ले रहे हैं।
आतंकियों का खात्मा निश्चित
जनरल राजीव घई ने कहा कि घुसपैठ कर आए हुए आतंकी या फिर जो पहले से यहां पर मौजूद हैं। उनकी संख्या अब 100 से भी कम है। आने वाले दिनों में ये करीबन 50 से भी कम और फिर आप समझ लीजिए कि इनका खात्मा निश्चित है।
हमारा इलाका काफी जंगली
इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'हमारा इलाका काफी जंगली है। हम आतंकियों को ढूंढ रहे हैं। हमारे ऑफिसर भी आगे से ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं, जिसकी वजह से हमें नुकसान भी हो रहा है। धीरे-धीरे हम आतंकियों का सफाया करेंगे। नुकसान में हमारे जवानों और ऑफिसरों को गोली लग रही है, उसको बिलकुल जीरो कर देंगे।'
घुसपैठ कर आए आतंकी
इंडिया टीवी से खास बातचीत करते हुए जनरल राजीव घई ने कहा, 'यहां के दबाव की वजह से जम्मू के इलाके में आतंकियों की संख्या जरूर बढ़ी है। मुझे पूरा उम्मीद है कि आने वाले टाइम पर जम्मू से भी आतंकियों का खात्मा कर देंगे, जो की अलग-अलग जगहों से घुसपैठ कर कर आए हैं।
ड्रोन और क्वाडकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही सेना
उन्होंने कहा,'ये साल हमारे लिए ईयर ऑफ टेक्नोलॉजी है। इसलिए हम किसी भी ऑपरेशन में सबसे पहले आई इन द स्काई यानी आतंकियों की टोह लेने के लिए अपने अलग-अलग उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं। फिर उसके बाद उनकी हलचल को जानने के लिए छोटे से बड़े क्वाडकॉप्टर (Quadcopter) अब तक या फिर ड्रोन का सहारा ले रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आतंकियों की जो संख्या अभी सौ से भी कम है। वो आने वाले समय में 50 और फिर उसके बाद बिलकुल खात्मे की तरफ होगी।'
आतंकियों की हर जानकारी सेना के पास
जनरल घई ने कहा कि आतंकी जिन अलग-अलग उपकरण या फिर आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उसकी जानकारी हमारे पास है। उसके तोड़ के तौर पर भी भारतीय सेना ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है।
कश्मीर तरक्की चाहता है
उन्होंने कहा, 'यह पहला मौका है। जब 10 साल के बाद यहां पर घाटी में इलेक्शन हो रहे हैं। वोटिंग पर्सेंटेज बहुत बड़ा है। कश्मीर तरक्की चाहता है। विकास चाहता है। इसीलिए हम भी कश्मीर की तरक्की और विकास के साथ यहां की सांस्कृतिक धरोहर और पढ़ाई लिखाई समय काम कर रहे हैं।'
घाटी में स्थिति को रखना है सामान्य
जनरल राजीव घई ने कहा, 'हमारा मेन काम लाइन ऑफ कंट्रोल की सुरक्षा और घाटी में स्थिति को सामान्य रखना है। इसके साथ-साथ हमने करीब 900 स्टूडेंट्स को 37 करोड़ रुपये की लागत से अलग-अलग यूनिवर्सिटी में भेजा है। सुपर फिफ्टी वुमेन एम्पावरमेंट संस्कृति को प्रमोट करना भी हमारा एक अहम मकसद रहा है।'