जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बीच श्री माता वैष्णो देवी सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। धार्मिक महत्व के कारण इस सीट का राजनीतिक महत्व भी काफी ज्यादा है। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुआ था। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को हुआ था। श्री माता वैष्णो देवी सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी बलदेव राज शर्मा ने जीत दर्ज की है। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी जुगल किशोर को 1995 वोटों के अंतर से हराया है। बलदेव राज शर्मा को 18199 वोट मिले, जबकि जुगल किशोर को 16204 वोट ही मिल सके।
मुकाबला किसके बीच?
श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा सीट में कुल सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और सीपीआई (एम) गठबंधन से कांग्रेस के भुपिंदर सिंह चुनावी मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बलदेव राज शर्मा और पीडीपी के टिकट पर प्रताप कृष्ण शर्मा को टिकट मिला है। इसके अलावा चार निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें बंशीलाल, जुगल किशोर, राज कुमार और शाम सिंह शामिल हैं।
श्री माता वैष्णो देवी में किसका दावा मजबूत?
श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा सीट नए परिसीमन के बाद पहली बार अस्तित्व में आई है। इस सीट पर सभी पार्टियों ने ब्राह्मण या ठाकुर उम्मीदवार उतारा है। निर्दलीय उम्मीदवार भी इन्हीं समुदायों से हैं। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी का दावा मजबूत माना जा रहा है। यहां कुल 56401 मतदाता हैं और 90 मतदान केंद्र हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 29618 और महिला मतदाताओं की संख्या 26783 है। सात मतदान केंद्र शहरी क्षेत्र में और 83 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं। कांग्रेस उम्मीदवार को गठबंधन का फायदा मिल सकता है, लेकिन बीजेपी को पीएम मोदी की लोकप्रियता जीत दिला सकती है।
अंदरूनी कलह बनी बीजेपी की परेशानी
इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को गठबंधन का फायदा मिला है। कांग्रेस के अलावा सीपीआई (एम) और नेशनल कांफ्रेंस के वोट भी कांग्रेस के खाते में गए हैं। वहीं, बीजेपी के लिए अंदरूनी कलह मुश्किल बनी है। बीजेपी ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए 44 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। हालांकि, थोड़ी देर बाद इसे वापस ले लिया गया। बाद में आई लिस्ट में श्री माता वैष्णो देवी सीट पर उम्मीदवार बदल दिया गया। पहले यहां से रोहित दुबे को टिकट मिला था, लेकिन बाद में बलदेव शर्मा बीजेपी उम्मीदवार बन गए। इसके बाद रोहित के समर्थकों ने विरोध जताते हुए कहा था कि बीजेपी अयोध्या की सीट हारी है और कटरा (श्री माता वैष्णो देवी) भी हारेगी। इसके बाद डैमेज कंट्रोल की भरपूर कोशिश की गई।