Friday, April 25, 2025
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सीक्रेट रास्ता, सोलर पैनल, वाई-फाई, GPS... किश्तवाड़ में मारे गए आतंकियों के ठिकाने से चौंकाने वाले खुलासे

किश्तवाड़ में मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों के ठिकाने से चौंकाने वाले सामान बरामद किए गए हैं। आतंकियों के पास से कुरान सहित कई धार्मिक किताबें भी मिली हैं।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Malaika Imam Published : Apr 14, 2025 20:39 IST, Updated : Apr 14, 2025 20:53 IST
मारे गए आतंकियों के ठिकाने से बरामद हुए सामान
मारे गए आतंकियों के ठिकाने से बरामद हुए सामान

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी चटरू के जंगलों में सुनियोजित ठिकाने में छिपे हुए थे, जहां उन्होंने लंबा समय बिताने की पूरी तैयारी कर रखी थी। उनके पास सभी जरूरी सामान थे। आतंकियों के पास कुरान सहित कई धार्मिक किताबें पाई गईं। इसके अलावा उन्होंने ठिकाने के अंदर 10 से 15 दिनों के खाने का इंतजाम रखा था।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आतंकियों ने अपने ठिकाने पर एक वाई-फाई सेट तैयार कर रखा था। इसके अलावा उनके पास सोलर पैनल और GPS डिवाइस भी बरामद किए गए। वहीं, ठिकाने पर जमीन के नीचे एक गुप्त रास्ता भी बनाया गया था। करीब 25 दिन तक चले तलाशी अभियान के बाद इस ठिकाने का पर्दाफाश हुआ और फिर किश्तवाड़ के छत्रू वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली।

मारे गए आतंकियों के ठिकाने से बरामद सामान

Image Source : INDIATV
मारे गए आतंकियों के ठिकाने से बरामद सामान

मारे गए थे तीन आतंकवादी

आतंकियों के ठिकाने की तस्वीरें सामने आई हैं। पिछले हफ्ते शुक्रवार और शनिवार को हुए मुठभेड़ में किश्तवाड़ जिले के छत्रू वन क्षेत्र में जारी अभियानों में तीन आतंकवादी मारे गए थे। शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया था। इसके बाद शनिवार को मारे गए आतंकवादी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध थे और इसमें एक शीर्ष कमांडर सैफुल्ला भी था, जो पिछले एक साल से चेनाब घाटी क्षेत्र में सक्रिय था।

9 अप्रैल को शुरू हुआ था अभियान

असम राइफल्स के 5-सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर जे बी एस राठी और डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) श्रीधर पाटिल ने बताया कि 9 अप्रैल को अभियान शुरू किया गया था। इसका मकसद क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है। 

सेना के अधिकारी ने कहा कि 9 अप्रैल को आतंकवादियों के बारे में पता चलने के बाद भारतीय वायुसेना की मदद से विशेष बलों को तैनात किया गया और क्षेत्र की निगरानी के लिए ड्रोन और रात्रिकालीन निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी क्षेत्र से भाग न सकें। आतंकवादियों को स्थानीय स्तर पर सहयोग मिलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह जांच का हिस्सा है और जानकारी सामने आने पर इसे शेयर किया जाएगा।

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