Lok Sabha Election: श्रीनगर संसदीय सीट से नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार आगा सैयद रूहुल्ला मेहदी ने कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में भाग नहीं लेंगे क्योंकि अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद राज्य विधानसभा की हैसियत “अलोकतांत्रिक तरीके से कमतर कर दी गई” है। प्रभावशाली शिया नेता मेहदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 के बारे में जम्मू-कश्मीर के लोगों के विचारों को देश के बाकी हिस्सों तक पहुंचाने के लिए संसदीय चुनाव महत्वपूर्ण जरिया हैं।
मेहदी ने कहा, ''मैं राज्य विधानसभा के कमतर किए जा चुके दर्जे को स्वीकार नहीं कर सकता। मेरा मानना है कि इसे अलोकतांत्रिक रूप से कमतर कर दिया गया है, जिसे हम ज्यादा से ज्यादा एक नगर पालिका कह सकते हैं।'' मेहदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाग लेना और "उस कमतर सभा" का हिस्सा बनना उस दर्जे को वैधता देना होगा।
किसी भी विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लूंगा- रूहुल्ला
उन्होंने कहा, “मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहता। एक व्यक्ति के रूप में, मैं विधानसभा के इस दर्जे को वैधता नहीं देना चाहता। इसलिए, मेरा स्पष्ट रूप से मानना है कि मैं किसी भी विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लूंगा।” पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का जिक्र करते हुए मेहदी ने कहा कि संसदीय चुनाव अनुच्छेद 370 के बारे में जम्मू-कश्मीर के लोगों के विचारों को देश के बाकी हिस्सों तक पहुंचाने का एक अवसर है।
श्रीनगर में 13 मई को होगी वोटिंग
श्रीनगर लोकसभा सीट पर 13 मई को मतदान होगा। जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर पांच चरण में मतदान होना है। यहां शुरुआती पांच चरण में मतदान पूरा होना था, लेकिन अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर मतदान की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। यहां 7 मई के बजाय 25 मई को मतदान होना है। मतदान की तारीख आगे बढ़ाने को लेकर क्षेत्रीय दल काफी विरोध कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद यहां पहली बार कोई चुनाव हो रहा है।
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