जम्मू कश्मीर के रियासी में श्रद्धालुओं की बस, पर हुए आतंकी हमले में मौत का आंकड़ा बढ़कर 10 पहुंच गया है। बचाव अभियान पूरा हो चुका है। आतंकी हमले के समय बस में लगभग 50 लोग सवार थे। इनमें से 33 घायल हुए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई नेताओं ने आतंकी हमले की आलोचना की है और श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया है। आतंकी हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
रविवार (9 जून) को एक बस श्रद्धालुओं को लेकर शिव खोड़ी मंदिर से कटरा लौट रही थी। बस जैसे ही जंगल के इलाके में पहुंची, घात लगाए आतंकियों ने बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों की गोलीबारी से ड्राइवर घबरा गया और बस पर अपना नियंत्रण खो दिया। बस खाई में जा गिरी। पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। आतंकियों की तलाश में भारतीय सेना, सीआरपीएफ, जम्मू और कश्मीर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
राहत और बचाव कार्य पूरा
सोमवार सुबह तक राहत और बचाव कार्य पूरा हो गया। आतंकी हमले में घायल 33 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं, इस हमले में जान गंवाने वालों का आंकड़ा 10 पहुंच गया। रियासी की एसएसपी मोहिता शर्मा ने बताया कि यात्रियों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। बस में सवाल श्रद्धालु स्थानीय नहीं हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने की आलोचना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित देश के कई नेताओं ने इस आतंकी हमले की आलोचना की है। राष्ट्रपति ने लिखा "जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए आतंकवादी हमले से मैं व्यथित हूं। यह नृशंस कृत्य मानवता के विरुद्ध अपराध है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। पूरा देश पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ा है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।" योगी आदित्यनाथ, जेपी नड्डा, पुष्कर सिंह धामी, विष्णु देवा साय और दिलीप घोष ने इस हमले की आलोचना की है।