जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उपायुक्तों सहित कई अधिकारियों का तबादले किए हैं। निर्वाचन आयोग ने कुछ सप्ताह पहले निर्देश दिया था कि वे राज्य अपने गृह जिलों में तैनात अधिकारियों का तबादला दूसरे जिलों में करें जहां चुनाव होने वाले हैं। अब कश्मीर में आईजीपी, डीआईजी समेत 30 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया है। कई जिलों में नए पुलिस प्रमुख नियुक्त किए गए हैं। निर्वाचन आयोग शुक्रवार दोपहर को विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि किन राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
निर्वाचन आयोग की योजना जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराने की है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने यह समयसीमा निर्धारित की है। चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर का दौरा कर चुनावी तैयारियों का जायजा भी ले चुका है। ऐसे में पूरी संभावना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का ऐलान करेगा। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। इसी साल जून में वहां 2019 के बादग पहली बार मतदान हुआ था।
देर रात जारी हुआ आदेश
जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार देर रात तत्काल प्रभाव से 89 अधिकारियों के तबादलों और तैनाती के आदेश जारी किए। जिन अधिकारियों के तबादले किए गए हैं उनमें पुंछ और बांदीपोरा जिलों के उपायुक्त, सचिव, आयुक्त, महानिदेशक, प्रबंध निदेशक और कई विभागों के निदेशक शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने 31 जुलाई को केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से कहा था कि वह उन अधिकारियों का तबादला करे जो अपने गृह जिलों में तैनात हैं। चुनाव कराने से पहले सामान्य तौर पर यह कवायद की जाती है। निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के मुख्य सचिवों को भी इसी तरह के निर्देश जारी किए थे।
हरियाणा, महाराष्ट्र में भी जल्द होंगे चुनाव
हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड की विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः तीन नवंबर, 26 नवंबर और पांच जनवरी को समाप्त होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने केंद्र शासित प्रदेश की चुनाव संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए जम्मू-कश्मीर की अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद नौ अगस्त को कहा था कि विधानसभा चुनाव ‘‘जल्द से जल्द’’ कराए जाएंगे और किसी भी अंदरुनी या बाहरी ताकत को इसमें बाधा नहीं डालने दी जाएगी। निर्वाचन आयोग का यह दौरा, अनुच्छेद 370 को निरस्त कर पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद पहले विधानसभा चुनाव कराने का आधार तैयार करने की पहली बड़ी कवायद थी। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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