श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत तक तक नगर निगम, पंचायत और यूएलबी के चुनाव होना प्रस्तावित हैं। इन चुनावों से पहले राज्य चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन चुनावों में इस बार ढाई लाख से अधिक नए मतदाता भी सूची में जोड़े गए हैं। नए मतदाता जोड़ने के आयोग के फैसले का घाटी के सभी राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है। दलों ने इसे घाटी कि बेहतरी के लिए उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे यहां एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि नेशनल कांफ्रेंस ने यह भी कहा है कि यह देखना होगा कि आयोग ने किसे मतदाता बनाया है।
घाटी में कुल 19,14,383 मतदाता
जानकारी के मुताबिक इस बार करीब 20 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जबकि वर्ष 2018 में नगर निगम चुनाव मतदाताओं की संख्या 17 लाख के आसपास थी। सूत्रों के अनुसार, चुनाव के लिए मतदाता पुनरीक्षण के बाद यूटी में 19,14,383 महिला व पुरुष मतदाता बने हैं। 2018 के चुनाव में इनकी संख्या 16,57,895 थी। इस बार 2,56,488 मतदाता बढ़े हैं। नए मतदाताओं को जोड़ने के बाद घाटी कि सभी पार्टियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि नेशनल कांफ्रेंस ने इस पर चिंता भी व्यक्त की है। पीडीपी की जरनल सेक्रेटीरी और सीनियर नेता गुलाम नबी हंजूर ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा, "जम्मू कश्मीर में होने वाले चुनावों को लेकर लोगों में बड़ा जज्बा और जोश है। लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में एक चुनी हुई सरकार हो। नए वोटर्स को वोटर लिस्ट में शामिल करने से बड़ी। संख्या में लोग खुलकर बाहर निकलकर अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे।"
इससे नई जनरेशन को अपना हक मिलेगा और उन्हें अपने पसंदीदा उम्मीदवार चुनने का मौका- फ़ारूक़ इन्द्राबी
वहीं जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के नेता फ़ारूक़ इन्द्राबी ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा यह सब सेंसस रिपोर्ट के आधार पर होता है। नगर निगम चुनाव में वोटरों की संख्या बढ़ रही है तो इससे नई जनरेशन को अपना हक मिलेगा और उन्हें अपने पसंदीदा उम्मीदवार चुनने का मौका मिलेगा। नेता ने कहा, आज का वोटर पढ़ा लिखा है वह नई सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। यहां के लोगों को हमेशा राजनीतिक तौर पर ब्लैकमेल किया गया है। लेकिन आज का युवा यह जानता है कि अच्छी सियासत करने वाले लोग कौन हैं?
नेशनल कांफ्रेंस के दो नेताओं के दो अलग बयान
मुंसिपल चुनाव में वोटर लिस्ट की बढ़ने वाली संख्या पर नेशनल कांफ्रेंस के दो नेताओं ने अलग-अलग बयान दिए हैं। एक नेता ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि यह एक अच्छा कदम है। नए वोटर्स अपने मत का इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरे नेता ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि बीजेपी यह सब करके सियासत चमकाने की कोशिश कर रही है। इसे हम कामयाब होने नहीं देंगे। इंडिया टीवी से बात करते हुए इफरा जान जो नेशनल कांफ्रेंस के स्पोक्सपर्सन है ने कहा, सबसे पहले यह देखना होगा कि यह कौन से वोटर होंगे। यह जर्नल रोल के वोटर होंगे या फिर इसमें बीजेपी की कोई धांधली है। यह देखना और समझना बेहद जरूरी है। मतदाताओं की लिस्ट जब निकलेगी पार्टी उस पर सोच विचार करेगी और जो भी हकीकत होगी उसे लोगों के सामने रखा जाएगा। वहीं नेशनल कांफ्रेंस की युथ लीडर सलमान सागर ने कहा, यह अच्छी बात है जो नए वोटर्स होंगे। वह अपने मनपसंद कैंडिडेट को चुन सकते हैं। दूसरा ज्यादा से ज्यादा लोग वोट डालेंगे जिससे एक नई चेंज होगी। एक तो वोटर टर्नआउट बढ़ जाएगा। दूसरा इस बार के चुनाव काफी दिलचस्प होंगे।
जल्द ही हो सकते हैं विधानसभा चुनाव
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों जम्मू कश्मीर में विधान सभा चुनाव करने की मांग कर रहे हैं, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब होगा इसका जवाब मांगा था। सरकार ने इस पर कोर्ट को बताया था कि वो किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार हैं, लेकिन इसका फैसला इलेक्शन कमीशन को करना है। सरकार के कोर्ट में इस जवाब के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि नगर निगम, पंचायत और यूएलबी चुनाव के बाद जल्द ही जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे।