श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर पश्चिम एशिया का संघर्ष गाजा से आगे फैला तो मध्य पूर्व में बड़ी संख्या में काम करने वाले भारतीय भी इससे प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा,‘अगर संघर्ष लंबा चला तो हम निश्चित रूप से प्रभावित होंगे। अन्य देशों की तुलना में हमारे ज्यादा नागरिक उस इलाके में काम करते हैं। अगर संघर्ष गाजा से बाहर फैलता है तो हमारे लोग इससे प्रभावित होंगे। इसलिए हम चाहते हैं कि युद्ध रुके, बमबारी रुके।’ अब्दुल्ला ने अपने बयान में संयुक्त राष्ट्र को भी कटघरे में खड़ा किया।
‘यूएन का खास असर नहीं दिख रहा’
उमर अब्दुल्ला ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का हवाला देते हुए कहा कि अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते। संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों के निशाने पर लेते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘UN और अन्य देशों को न्याय करना होगा। वे अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग नियम नहीं अपना सकते। संयुक्त राष्ट्र चुप नहीं है, लेकिन उसकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा। जहां तक मैंने देखा, UN ने वहां मानवीय संकट के बारे में बात की है। इजरायल को अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों से इतना समर्थन मिल रहा है कि हमें UN का खास असर नहीं दिख रहा है।’
‘दुनिया ने आखिर चुप्पी क्यों साध रखी है’
उमर अब्दुल्ला ने पूछा कि आखिर दुनिया ने इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग को लेकर चुप्पी क्यों साध रखी है। उन्होंने कहा कि जब रूस ने यूक्रेन के साथ जंग के दौरान जरूरी चीजों की सप्लाई रोकी थी तो इसे ‘युद्ध अपराध’ कहा जा रहा था, तो यही नियम इजरायल और हमास की जंग पर क्यों नहीं लगाया जा रहा। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि भारत ने खुलकर इजरायल का समर्थन किया और गाजा को मदद भी भेजी, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि जंग के दौरान लोगों तक मदद भी नहीं पहुंच रही है।