श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि जेड-प्लस सुरक्षा मिलने के बावजूद सुखबीर सिंह बादल पर हमला होना चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम पर हुए इस हमले की जांच होनी चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैंने कल सुखबीर पर हमले के बाद उनसे बात की। मैंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया कि वह हमले में बच गए। हमने हालात पर बात की और जाहिर तौर पर उन्होंने कुछ अन्य चीजें मेरे साथ शेयर कीं, जो सार्वजनिक नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात है कि एक पूर्व डिप्टी सीएम जिसे जेड-प्लस की सुरक्षा प्राप्त है, उस पर दिनदहाड़े हमला हो जाए।
‘अल्लाह न करे कि हमें फिर ऐसी कोई चीज देखनी पड़े’
उमर अब्दुल्ला ने कहा,‘इसकी जांच होनी चाहिए कि यह कैसे हुआ और क्यों हुआ। भविष्य में इस तरह की घटना फिर नहीं होनी चाहिए। पंजाब 1980 के दशक और 1990 के दशक की शुरुआत में बहुत कठिन दौर से गुजरा है और अल्लाह न करे कि हमें फिर ऐसी कोई चीज देखनी पड़े।’ बता दें कि पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर बुधवार को शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर एक पूर्व खालिस्तानी आतंकवादी ने गोली चलाई, लेकिन वहां सादे कपड़ों में मौजूद एक ASI द्वारा आरोपी को पकड़ लिए जाने से उसका निशाना चूक गया और सुखबीर बाल-बाल बच गए।
‘सभी को इस देश में आजादी से जीवन जीने का अधिकार है’
मस्जिदों और दरगाहों के सर्वे के बारे में पूछे जाने पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश सेक्युलर है और सभी को यहां आजादी से जीवन जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा,‘हमारी पार्टी ने भी इस बारे में बात की है। सभी को इस देश में रहने का हक है। संविधान में एक शब्द सेक्युलर है और जब तक यह शब्द रहेगा, तब तक हमें इस देश में आजादी से रहने का हक है, चाहे हम किसी भी मजहब के हों।’ अब्दुल्ला ने कहा कि कहीं दरगाहों और मस्जिदों को सोची-समझी साजिश के तहत तो निशाना नहीं बनाया जा रहा।
‘यह वह भारत नहीं है जिसकी हमारे पूर्वजों ने कल्पना की थी’
उमर अब्दुल्ला ने कहा,‘हमारी मस्जिदों और दरगाहों या हमारे मजहब का पालन करने के तरीके पर हमला करके आप हमें प्रताड़ित कर रहे हैं और यह वह भारत नहीं है जिसका जम्मू-कश्मीर हिस्सा था। यह वह भारत नहीं है जिसकी हमारे पूर्वजों ने कल्पना की थी। यह वह भारत नहीं है जिसके संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द है और जब तक यह है, इसे सेक्युलर बनाए रखें। अगर आप इसे सेक्युलर नहीं रखना चाहते हैं, तो अगर आप संसद के माध्यम से इसे हटा सकते हैं, तो हटा दीजिए।’