श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार जम्मू-कश्मीर से अमल में लाया जाना चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल से चुनाव नहीं हुए हैं। चुनाव आयोग को अपनी भूमिका निभानी चाहिए और लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का ऐलान करना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर आयोग के प्रमुख रहे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके पक्ष में सिफारिशें दी थीं। यदि इस विचार को जम्मू-कश्मीर में अमल में नहीं लाया जा सका तो यह विचार ही एक दिखावा साबित होगा।
एक साथ चुनाव कराने पर क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त
वहीं पिछले दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा और हितधारकों से मिली प्रतिक्रिया के बाद लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ या अलग-अलग कराने पर फैसला करेगा। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने में 'विलंब' को लेकर हो रही आलोचना को भी खारिज किया और कहा कि परिसीमन व आवश्यक विधायी प्रक्रियाएं दिसंबर 2023 तक ही पूरी हुई हैं।
चुनाव आयोग ने की समीक्षा मीटिंग
राजीव कुमार ने कहा, ''हमने दोनों चुनाव एक साथ कराने और एक के बाद एक चुनाव कराने जैसी परिस्थितियों की समीक्षा की। हम सुरक्षा स्थिति और प्रतिक्रियाओं की समीक्षा के बाद फैसला करेंगे। उन्होंने कहा, ''हमने हर किसी से प्रतिक्रिया ली है कि कितनी सुरक्षा की जरूरत है। प्रत्येक उम्मीदवार (जम्मू-कश्मीर में) को सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता होती है इसलिए एक साथ चुनाव कराने में सुरक्षा समस्याएं हो सकती हैं।'' कुमार ने कहा कि आयोग विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर समान रूप से चिंतित है।