जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। चुनाव आयोग का एक दल 8 से 10 अगस्त तक जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला ने घाटी में विधानसभा चुनाव कराने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जल्द से जल्द नोटिफिकेशन जारी करें ताकि हम तैयारी शुरू करें।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घाटी में विधानसभा चुनाव पर पत्रकारों से कहा, "अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जिस दिन आया था, उस दिन से हम चुनाव की तैयारी में लगे हैं। पहले लोकसभा का चुनाव हुआ, जो हमने निपटा लिए। अब विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं।" उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग के लोग 8 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर आएंगे। हमारी उनसे गुजारिश होगी कि आयोग जल्द से जल्द नोटिफिकेशन जारी करे और यहां पर चुनाव की तैयारी की जाए।
"वे सबके साथ बराबरी का सलूक करें"
उन्होंने कहा कि उनसे यह भी गुजारिश रहेगी कि वे सबके साथ बराबरी का सलूक करें, ताकि हम लेवल प्लेइंग फील्ड पर चुनाव लड़ें। जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नए जम्मू-कश्मीर का जिक्र सिर्फ संसद में होता है। जमीनी स्तर पर देखें तो यहां के हालात कुछ और ही बयां करते हैं। यहां पर महंगाई है। बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही। मुल्क में सबसे ज्यादा बेरोजगारी अगर कहीं है, तो कश्मीर में है। पांच साल पहले हमसे बहुत सारे वादे किए गए थे, लेकिन उसमें से एक भी पूरा नहीं हुआ।
बांग्लादेश पर क्या बोले एनसी नेता?
वहीं, पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनसे अपील है कि वहां के लोग शांति से रहें। जम्मू-कश्मीर से कई बच्चे वहां पढ़ाई के लिए जाते हैं। उनकी सुरक्षा का सही इंतजाम होना चाहिए। बता दें कि बांग्लादेश में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी हिंसक बवाल जारी है। शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर अपना मुल्क छोड़ दिया है। अभी वह भारत में हैं। (IANS इनपुट)
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