Thursday, November 21, 2024
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झूठा और बेबुनियाद दावा कर रहे हैं उमर अब्दुल्ला, गृह मंत्रालय ने राज्य की शक्तियों में कटौती का आरोप सिरे से नकारा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला की टिप्पणी के बाद यह कड़ा बयान जारी किया है। उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के नौकरशाहों से कहा था कि वे आगामी निर्वाचित सरकार को और अधिक कमजोर करने के किसी भी दबाव का विरोध करें।

Edited By: Shakti Singh
Published on: October 05, 2024 8:31 IST
Amit shah Omar abdullah- India TV Hindi
Image Source : PTI अमित शाह और उमर अबदुल्लाह

जम्मू-कश्मीर में सरकार की शक्तियों में कटौती के प्रयास की बात को गृह मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इस बात में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार या मुख्यमंत्री की शक्तियों में कटौती करने का प्रयास किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर में एक दशक बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और चुनाव के नतीजों का ऐलान आठ अक्टूबर को होना है। यहां जल्द ही नई सरकार का गठन होने वाला है और मंत्रालय ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि आगामी सरकार की शक्तियों में कटौती की कोशिश की जा रही है। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला की टिप्पणी के बाद यह कड़ा बयान जारी किया है। उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के नौकरशाहों से कहा था कि वे आगामी निर्वाचित सरकार को और अधिक कमजोर करने के किसी भी दबाव का विरोध करें।

गृह मंत्रालय का पोस्ट

उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा था “भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में हार को स्पष्ट रूप से स्वीकार कर लिया है। अन्यथा मुख्य सचिव को सरकार के संचालन नियमों में परिवर्तन कर मुख्यमंत्री/निर्वाचित सरकार की शक्तियों में कटौती कर उसे उपराज्यपाल को सौंपने का काम क्यों सौंपा गया? यह जानकारी मुझे सचिवालय के भीतर से मिली है। अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे आने वाली निर्वाचित सरकार को और अधिक कमजोर करने के किसी भी दबाव का विरोध करें।"” उनके पोस्ट का जवाब देते हुए अमित शाह के कार्यालय ने कहा, “उमर अब्दुल्ला का पोस्ट भ्रामक और अटकलों से भरा है। इसमें जरा सी भी सच्चाई नहीं है क्योंकि ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं है। भारत की संसद द्वारा पारित जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में व्यापार नियमों के लेन-देन को अधिसूचित करने का प्रावधान है, और इसे वर्ष 2020 में अधिसूचित किया गया था।” 

गृह मंत्रालय ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोगों ने ऐतिहासिक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार लाने के भारत सरकार के प्रयासों का पूरे दिल से समर्थन किया है, जिसमें नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।" जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इंडिया गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ा है। वहीं, बीजेपी और पीडीपी अलग-अलग रहकर चुनाव में उतरे हैं।

 

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