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जम्मू-कश्मीर में रचा गया नया इतिहास! 3 दशक बाद श्रीनगर में निकला मुहर्रम का जुलूस

जम्मू एवं कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में 3 दशक बाद मुहर्रम का जुलूस निकाला गया और पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्व संपन्न हुआ।

Updated on: July 27, 2023 9:15 IST
Muharram, Muharram Procession, Muharram Procession in Srinagar- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV श्रीनगर में 3 दशकों बाद निकाला गया मुहर्रम का जुलूस।

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के लाल चौक पर सालों बाद मुहर्रम का जुलूस निकला, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने करीब 3 दशक बाद लालचौक मार्ग पर मुहर्रम जुलूस निकालने की अनुमति दी थी। मुस्लिम समुदाय की जुलूस निकालने की यह मांग लंबे समय से लंबित थी। काफी इंतजार के बाद इस साल 8वीं मुहर्रम का जुलूस पारंपरिक मार्ग से निकालने की मांग को प्रशासन ने मंजूर कर लिया। यह जुलूस आज सुबह 6 बजे से 8 बजे तक निकाला गया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए।

हजारों की संख्या में शामिल हुए बच्चे

जुलूस में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए जिनमें खासतौर पर नई जनरेशन के बच्चे भी शामिल थे। बता दें कि इन बच्चों ने अब तक इस मातमी जुलूस को नहीं देखा था। जुलूस को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए थे और जगह-जगह सिक्योरिटी फोर्स के जवानों की तैनाती की गई थी। सरकार के इस बड़े फैसले को देखते हुए शिया बिरादरी के लोग बेहद खुश नजर आए और उन्होंने एलजी प्रशासन का शुक्रिया अदा किया।

एलजी प्रशासन ने रखी थीं कुछ शर्तें
जुलूस को निकालने के लिए एलजी प्रशासन ने कुछ शर्तें भी रखी थीं। इनमें कहा गया था कि जुलूस के दौरान किसी भी तरह की कोई राष्ट्रविरोधी नारेबाजी नहीं होनी चाहिए और न ही इस्लामी झंडे के बगैर कोई दूसरा झंडा दिखना चाहिए। शिया बारादरी के लोगो ने एलजी प्रशासन के इस फैसले को मानते हुए बड़े ही हर्षोल्लास के साथ इस जलूस को निकाला। जुलूस में न तो कोई राष्ट्रीय विरोधी नारेबाजी हुई और न ही कोई दूसरा झंडा दिखा। जुलूस को देखते हुए प्रशासन ने एक ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की थी।

1990 में जुलूस पर लग गई थी पाबंदी
बता दें कि 1990 में सरकार ने इस 8वें मुहर्रम के जलूस पर पाबंदी लगा दी थी। पाबंदी के बाद लोग छोटे-छोटे ग्रुप में जुलूस निकालने की कोशिश करते थे जिसके चलते पुलिस को सख्ती करनी पड़ती थी। सिर्फ इतना ही नहीं, इस मौके पर श्रीनगर के कई इलाकों में पाबंदियां भी लगानी पड़ती थी, लेकिन आज ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। आज के जुलूस को लोगों ने हर्षोल्लास के साथ निकाला और सरकार का भी शुक्रिया अदा किया।

कई दौर की बातचीत के बाद मिली इजाजत
बता दें कि शिया समुदाय श्रीनगर में गुरु बाजार से डलगेट तक पारंपरिक मार्ग पर 8वीं मुहर्रम का जुलूस निकालने की मांग लंबे समय से कर रहा था। कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि शिया भाइयों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने जुलूस की अनुमति देने का फैसला किया। प्रशासन ने कहा कि मौजूदा शांतिपूर्ण माहौल के चलते जुलूस निकालने की इजाजत देने में कोई दिक्कत नहीं हुई। प्रशासन को सभी समूहों के शिया मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों और गुरुबाजार की स्थानीय समिति के साथ कई दौर की बातचीत के बाद पूरे आयोजन के शांतिपूर्ण होने का आश्वासन मिला था।

जुलूस को लेकर सख्त थी सुरक्षा व्यवस्था
प्रशासन ने जुलूस को लेकर सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त की थी। यह भी साफ किया गया था कि किसी को भी गुरु बाजार से निकाले जाने वाले जुलूस को छोड़कर अन्‍य मार्ग पर व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से कोई जुलूस निकालने की इजाजत नहीं होगी। आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति से कानून के अनुसार बहुत सख्ती से निपटने की बात भी कही गई थी। गुरुवार को कार्य दिवस होने की वजह से और आम लोगों को परेशानी को देखते हुए जुलूस का समय सुबह 6 बजे से 8 बजे तक का दिया गया था। उम्मीद के मुताबिक, गुरुवार को पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।

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