नई दिल्ली: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध के बीच दुनिया दो हिस्सों में बंट चुकी है। कहीं कोई इजरायल का समर्थन कर रहा है। कई लोग फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। दुनिया के ज्यादातर देश इजरायल के साथ हैं। भारतीय नेताओं और यहां के संगठनों द्वारा भी तमाम तरह के बयान जारी किए जा रहे हैं। कुछ संगठनों द्वारा इजरायल का साथ दिया जा रहा है। वहीं कुछ संगठनों द्वारा फिलिस्तीन जिंदाबाद और इजरायल मुर्दाबाद के भी नारे लगाए जा रहे हैं। इस बीच चार साल तक नजरबंद रहने के बाद बाहर आ चुके ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने भी इजरायल और फिलिस्तीन के मामले पर बयान दिया है।
इजरायल-फिलिस्तीन मामले मीरवाइज उमर का बयान
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मीरवाइज उमर ने कहा, इस मामले में एकतरफा फैसले नहीं किए जा सकते हैं। हमने हमेशा महसूस किया है कि इस मुद्दे का समाधान ढूंढना चाहिए। उन्होंने कहा, फिलिस्तीन के लोगों को उनके बुनियादी अधिकार मिलने चाहिए। साथ ही इजरायल के लोगों को भी शांति से रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम किसी भी देश के या समुदाय की मुखालफत नहीं करते हैं। हुर्रियत नेता ने कहा कि इजरायल फिलिस्तीन विवाद में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाया जा रहा है। उनकी हत्या की जा रही है। फिलिस्तीन की सरजमी को भी छोटा कर दिया गया है। इससे ज्यादा अन्याय और क्या होगा।
नजरबंद थे मौलाना
उन्होंने अपील किया कि फिलिस्तीन के लोगों को अमन और चैन के साथ रहने दिया जाए। जम्मू कश्मीर की आवाम भी यह देख रही है। बता दें कि मीरवाइज उमर फारूक साल 2019 से ही नजरबंद थे। 22 सितंबर 2023 को ही उन्हें नजरबंद से बाहर आने दिया गया है। दरअसल मीरवाइज पर आतंकी हमला होने का अंदेशा था। इस कारण उन्हें नजरबंद किया गया था। बता दें कि इजरायल द्वारा हमास के आतंकियों पर चुन-चुनकर हमला किया जा रहा है। साथ ही आतंकियों के ठिकानों को भी तबाह किया जा रहा है। इजरायली सेना गाजा पट्टी में घुस रही है और लगातार हमले कर रही है। वहीं लेबनान के कट्टरपंथी संगठन हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर हमले शुरू कर दिए हैं, जिसका जवाब इजरायली सेना दे रही है।