श्रीनगर: श्रीनगर जामा मस्जिद प्रबंधन समिति ने जम्मू कश्मीर प्रशासन पर शुक्रवार को कई गंभीर आरोप लगाए। समिति ने जम्मू कश्मीर प्रशासन पर मीरवाइज उमर फारूक की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया। समिति का आरोप है कि मीरवाइज उमर फारुक को जामा मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ने दिया जा रहा है। उन्हें हर शुक्रवार को घर में नजरबंद कर दिया जा रहा है। बता दें कि उमर फारुक कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का अध्यक्ष है।
प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप
बता दें कि अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद ने एक बयान में दावा किया कि ‘‘चार साल की नजरबंदी से रिहाई के बाद, हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक को केवल तीन शुक्रवार को जामा मस्जिद जाने दिया गया और तब से उन्हें हर शुक्रवार को घर में नजरबंद कर दिया जाता है।’’ समिति ने मीरवाइज को ‘‘श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ने देने को लेकर’’ प्रशासन की निंदा की। इसने दावा किया कि ऐसी कार्रवाई से लोगों में अन्याय और उन्हें अलग-थलग कर दिये जाने की भावना गहरी हुई है। इसने यह भी दावा किया कि प्रशासन अपनी इस कार्रवाई के लिए ‘‘कोई उचित कारण नहीं बता रहा है।’’
जवानों ने बारूदी सुरंग को किया नष्ट
वहीं यह भी बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सेना के एक गश्ती दल ने सुरक्षित तरीके से एक जंग लगी बारूदी सुरंग को नष्ट कर दिया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को मनकोट सेक्टर के बलनोई इलाके में सीमा बाड़ के पास बारूदी सुरंग पाई गई। अधिकारियों ने कहा कि विशेषज्ञों को बुलाया गया और बारूदी सुरंग को नष्ट कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि घुसपैठ रोधी रूकावट प्रणाली के हिस्से के रूप में आगे के इलाकों में बारूदी सुरंगें हैं जो कभी-कभी बारिश से बह जाती हैं और इनमें दुर्घटनावश विस्फोट भी हो जाते हैं।
(इनपुट- भाषा)
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