श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव निकट आ रहा है, ऐसे में राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर हमला कर रही है। आज पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती उमर अब्दुल्ला के चुनाव लड़ने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि वह बीते कई सालों से कह रहे थे कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और जैसे ही चुनाव की तारीख का ऐलान हुआ वे 2 जगह से चुनाव लड़ रहे। इससे पता चलता है कि उनकी कथनी और करनी में कितना फर्क है।
कथनी और करनी में फर्क
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "उमर अब्दुल्ला पिछले 3-4 साल से एक बात दोहरा रहे थे कि जब तक जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता तब तक वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यहां तक कहा कि वह UT (केंद्रशासित प्रदेश) में चुनाव लड़ना और मुख्यमंत्री बनकर हर छोटे आदेश को मंजूरी देने के लिए एलजी से भीख नहीं मांग सकता।
1947 से उन्होंने यही किया
आगे कहा कि चुनाव को ऐलान होते ही अब वह दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पता चलता है कि उनकी कथनी और करनी में कितना अंतर है। उन्होंने 1947 से जम्मू-कश्मीर के साथ यही किया है।" बता दें कि इस बार महबूबा मुफ्ती चुनाव नहीं लड़ रही हैं। उन्होंने इस बार अपनी बेटी को मैदान में उतारा है।
उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली पर बोला हमला
इधर उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल विधानसभा में एक जनसभा के दौरान दिल्ली के नेताओं को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह बड़ा अजीब चुनाव है। मुझे पता है कि दिल्ली ने मुझे कभी पसंद नहीं किया। लेकिन अब मुझे पता चला कि वे मुझसे नफरत करते हैं। पिछली बार मैंने बारमुल्ला से चुनाव लड़ा, जेल में बंद एक कैदी ने मेरे खिलाफ नॉमिनेशन फाइल कर दिया। उसने जेल से एक ऑडियो रिकॉर्ड कर उसे सर्कुलेट किया। शायद मेरी किस्मत खराब थी कि मैं उससे हार गया। इसमें मुझे कोई साजिश नहीं दिखी थी।
आगे कहा कि हो सकता है हालांकि, पिछले दो दिनों से मुझे यह एक साजिश लग रही है। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि जो लोग सलाखों के पीछे हैं, वे सिर्फ मेरे खिलाफ ही नामांकन कैसे दाखिल कर सकते हैं।" जानकारी के लिए बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने इस चुनाव में दो विधानसभा सीट गांदरबल और बडगाम से नामांकन दाखिल किया है।
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