
जम्मू क्षेत्र के विभिन्न जिलों में पिछले साल आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों के बाद सुरक्षा बलों ने मंगलवार को नियंत्रण रेखा के पास लगभग दो दर्जन स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। यह अभियान उन आतंकवादियों के खिलाफ था, जो पिछले साल जम्मू क्षेत्र के छह जिलों में सक्रिय हुए थे। अधिकारियों के अनुसार, इन अभियानों का उद्देश्य जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद फैलाने के पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के आकाओं के प्रयासों को नाकाम करना है।
अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान मुख्य रूप से उच्च ऊंचाई वाले और जंगली इलाकों में चलाए जा रहे हैं। इनमें से कई स्थान चिनाब घाटी, किश्तवाड़, डोडा, रामबन, राजौरी-पुंछ क्षेत्र और जम्मू जिले के संवेदनशील क्षेत्र हैं। खासकर चिनाब घाटी के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही उधमपुर, रियासी और जम्मू जिलों में भी सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी की जा रही है।
आतंकवादी गतिविधियों में गिरावट
2021 से राजौरी और पुंछ सीमावर्ती जिलों में घातक हमले करने के बाद पिछले वर्ष जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी थी, खासकर अप्रैल-मई के बाद से रियासी, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ, उधमपुर और जम्मू जिलों में हुई घटनाओं ने अलर्ट कर दिया था। हालांकि, पीर पंजाल के राजौरी और पुंछ जिलों में 2024 में आतंकवादी गतिविधियों में काफी गिरावट देखने को मिली, लेकिन अन्य जिलों में हमले जारी रहे।
पिछले वर्ष हुए आतंकी हमले
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष डोडा, कठुआ, रियासी, किश्तवाड़, उधमपुर, जम्मू और पुंछ जिलों में कुल 44 लोग मारे गए, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी और 13 आतंकवादी शामिल थे। आतंकवादियों द्वारा मारे गए 14 आम नागरिकों में सात तीर्थयात्री जो शिव खोड़ी मंदिर से लौट रहे थे और तीन ग्राम रक्षा गार्ड शामिल थे।
सुरक्षा बलों का कहना है कि यह अभियान आतंकवाद को खत्म करने और पाकिस्तान द्वारा भेजे जा रहे आतंकवादियों के प्रयासों को विफल करने के लिए लगातार जारी रहेगा। अधिकारियों ने यह भी बताया कि आगामी महीनों में खासकर गर्मियों की शुरुआत से पहले,इन अभियानों को और तेज किया जाएगा। (भाषा इनपुट के साथ)
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