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कश्मीर के बारामूला में बोले उमर अब्दुल्ला- अनुच्छेद 370 के मुद्दे को जिंदा रखेंगे

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को बरकरार रखने से यह मुद्दा समाप्त नहीं हो जाता है और उनकी पार्टी इसे जीवित रखेगी।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: April 13, 2024 19:57 IST
Omar Abdullah- India TV Hindi
Image Source : PTI नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 के मुद्दे को जिंदा रखने की बात कही है। उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को बरकरार रखने से यह मुद्दा खत्म नहीं हो जाता है। उमर ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को तब तक जीवित रखेगी जब तक कि केंद्र में एक ऐसी सरकार नहीं आ जाती जो जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने पर चर्चा करने को तैयार हो। उत्तरी कश्मीर के बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रहे अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण था। 

"यह सरकार हमेशा नहीं रहेगी..."

अब्दुल्ला ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह सरकार हमेशा नहीं रहेगी। पृथ्वी पर ऐसी कोई ताकत नहीं है जो प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी को अनंतकाल के लिए पद पर रख सके, पृथ्वी पर ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भाजपा को हमेशा पद पर बनाए रख सके। प्रत्येक सरकार का कार्यकाल निश्चित होता है, कुछ का कार्यकाल लंबा होता है, कुछ का छोटा होता है। ऐसा क्यों मान लें कि भविष्य में ऐसी कोई सरकार नहीं आएगी जो अनुच्छेद 370 पर हमसे बात करने को तैयार नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि भविष्य में एक ऐसी सरकार होगी जो जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति के हमारे मुख्य मुद्दों पर हमारे साथ जुड़ने में प्रसन्न होगी और जब तक ऐसा नहीं होता, हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे।’’ 

"सुप्रीम कोर्ट की मुहर से मामला बंद नहीं होता"

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम इसके लिए लड़ते रहेंगे और संघर्ष करते रहेंगे। उच्चतम न्यायालय की मुहर से मामला बंद नहीं होता, क्योंकि अगर एक मुहर से मामला बंद हो जाता है, तो अनुच्छेद 370 पर इससे पहले मुहर लग गई थी और उच्चतम न्यायालय ने इसके पक्ष में फैसला सुनाया था। हां, हालिया फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इससे हमारी राजनीतिक लड़ाई नहीं रुकेगी।’’ उन्होंने दावा किया कि कई विपक्षी दलों की इस बारे में एक जैसी राय है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे भाजपा ने 1984 के चुनाव में दो लोकसभा सदस्य होने पर भी अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में बात करना बंद नहीं किया था, उसी तरह उनकी पार्टी विशेष दर्जे की बहाली के बारे में बात करना जारी रखेगी। 

"जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा कांग्रेस की विरासत"

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी की जीत हुई और उस समय भाजपा के दो सांसद रह गए तो क्या पार्टी रुक गई? अदालत में असफलताओं के बावजूद वह 370 के बारे में बात करती रही। इसलिए, हमारा संघर्ष (भी) खत्म नहीं होगा।’’ अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग पर कांग्रेस की ‘चुप्पी’ के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह निराशाजनक है लेकिन मैं उन्हें जिम्मेदार नहीं मानता। मैंने हमेशा कहा है कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा कांग्रेस पार्टी की विरासत है। किसी एक व्यक्ति ने यह दर्जा नहीं दिया था, सरकार ने ऐसा किया था।’’

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