लोकसभा चुनाव को लेकर जम्मू-कश्मीर में सीट शेयरिंग के मामले पर बात करते हुए पीडीपी नेता वहीद रहमान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि
महबूबा मुफ्ती नेशनल कांफ्रेंस को कश्मीर की तीन सीट देने के लिए तैयार हो जातीं, लेकिन उमर और फारूक अब्दुल्ला ने अहंकार दिखाया। अब्दुल्ला ने कहा था कि पीडीपी का कोई वजूद नहीं है, कोई वोट नहीं है। पीडीपी नेता ने आगे कहा कि लेकिन इन सभी बातों का जवाब आने वाले वक्त में लोग देंगे।
"तीन सीटें देने के लिए तैयार होतीं महबूबा"
पीडीपी के सीनियर नेता और यूथ प्रेसिडेंट वहीद रहमान पार्टी ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा, "अगर उमर या फारूक अब्दुल्ला ने सीट शेयरिंग से पहले महबूबा से बात की होती तो महबूबा 6 की 6 सीट नहीं तो कम से कम कश्मीर की तीन सीटें नेशनल कांफ्रेंस को देने के लिए तैयार होतीं। क्योंकि यह गठबंधन सिर्फ लोगों की बहाली के लिए बनाया गया था, लेकिन उमर अब्दुल्ला ने एरोगेंस (अहंकार) दिखाया और कहा कि पीडीपी का कोई वजूद नहीं है। इनका कोई वोट नहीं है।"
"पीडीपी कहीं नहीं है। यह एरोगेंस है"
पीडीपी नेता वाहिद ने उमर पर निशाना साधते हुए कहा, "बायकॉट की वजह से वोट पड़ने से यह कहना कि उनकी पार्टी नंबर वन है... पीडीपी कहीं नहीं है। यह एरोगेंस है।" वहीद ने कहा कि आने वाले वक्त में लोग ही इन सब चीजों का जवाब देंगे। जैसे उन्होंने 2002 में दिया था, जब इनको लगता था कि कश्मीर में कोई और चॉइस ही नहीं है। नेशनल कांफ्रेंस के अलावा आज फिर वही वक्त आया है। जम्मू कश्मीर की सबसे बड़ी पॉलीटिकल पार्टी को यह लगता है कि यहां कोई चॉइस नहीं है। इनको यह नहीं लगता है कि हमें लोगों से वोट मांगना है बल्कि उनको यह लगता है कि हमें लोगों से यह ऐसा कहना है कि यहां कोई और चॉइस नहीं है।
नेशनल कांफ्रेंस के तीन सांसदों पर निशाना साधा
पीडीपी के सीनियर नेता और यूथ प्रेसिडेंट वहीद रहमान ने कहा, "उनकी इस लैंग्वेज में एरोगेंस थी.. अहंकार था, लेकिन लोग इसका जवाब देंगे।" नेशनल कांफ्रेंस के तीन सांसदों पर निशाना साधते हुए वहीद ने कहा कि पिछले 5 सालों से जो एलायंस चल रहा था, उसमें हमारी नियत बिल्कुल साफ थी। लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि अगर इनके तीन सांसद थे तो उन्होंने अब तक लोगों के लिए क्या किया। यहां तक कि जब-जब कोई मुद्दा कश्मीर को लेकर था, उस पर सिर्फ महबूबा अपनी आवाज बुलंद करती रहीं और पार्लियामेंट में किसी को अगर आवाज बन कर भेजने की जरूरत है तो वह सिर्फ महबूबा मुफ्ती हैं।
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