श्रीनगर: अनंतनाग लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण सीट है। यहां से ना सिर्फ कश्मीर घाटी की एंट्री होती है, बल्कि यह धार्मिक महत्व के लिए भी अहम सीट है। वहीं ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से भी ये सीट महत्वपूर्ण है। जम्मू-कश्मीर में पीर पंजाल रेंज में फैले अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में इन दिनों महबूबा बनाम आजाद की लड़ाई चल रही है। हालांकि इस सीट पर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के गुलाम नबी आजाद और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की महबूबा मुफ्ती के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के नेता मियां अल्ताफ के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
दिलचस्प होगा मुकाबला
माना जा रहा है अनंतनाग-राजौरी में गुलाम नबी आजाद भाजपा की मदद से गुज्जर और पहाड़ी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे, जिसने हाल ही में पहाड़ी समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा की है। वहीं नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों से संबंधित लोगों के नेता हैं। इन समुदायों पर उनके प्रभाव को देखते हुए वे भारी पड़ सकते हैं। हालांकि घाटी के अनंतनाग, कुलगाम क्षेत्र में गुज्जर वोट कम हैं, जहां नेकां और पीडीपी की अच्छी पकड़ है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक दिलचस्प मुकाबला होगा और उनका मानना है कि आजाद का प्रभाव पीडीपी और नेकां के सामने फीका होगा।
मियां अल्ताफ की भी अलग पहचान
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राशिद राहिल का कहना है कि “दो दिग्गज आजाद और महबूबा यहां आमने-सामने हैं, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि मियां अल्ताफ की भी अपनी एक पहचान हैं और उनका अच्छा खासा वोट हैं। आजाद साहब का डोडा किश्तवाड़ में ज्यादा असर हैं और कश्मीर में उनकी कम पकड़ हैं, लेकिन पीडीपी की कश्मीर में अच्छी पकड़ है, इसलिए यह त्रिकोणिय मुकाबला हो सकता है।"
कांग्रेस का वोट होगा निर्णायक
वहीं इंडिया टीवी से बात करते हुए पॉलिटिकल एक्सपर्ट राव फरमान अली ने कहा कि "डीलिमिटेशन के बाद कश्मीर घाटी में एक नया दौर शुरू हुआ है, जिसके कारण इस सीट को हॉट सीट की नजर से देखा जा रहा है। दूसरा इस बार यूथ का वोट एक महत्वपूर्ण वोट होगा। क्योंकि यूथ में गुस्सा है और वह अपनी नाराजगी इस बार अपने वोट के जरिए पूरा करेगा। जानकार मानते हैं कि अक्सर देखा जाता था कि चुनाव में लोग हिस्सा नहीं लेते थे। बॉयकॉट और विरोध-प्रदर्शन का क्रेडिट पॉलिटिकल पार्टियों को जाता था और वह आसानी से चुनाव जीतते थे, लेकिन इस बार एक ऐतिहासिक वोटिंग होगी क्योंकि राजौरी को अनंतनाग सीट के साथ जोड़ने से वोट बढ़ गया है। ये भी एक इंपोर्टेंट फैक्टर रहेगा। इन सब में यह भी देखना होगा कि कांग्रेस का वोट किसके हक में जाता है।"
क्या है आम लोगों की राय
बता दें कि अनंतनाग के आम लोग चुनाव से पहले काफी नाराज हैं और उत्साहित भी। आम लोगों का मानना है कि बेरोजगारी हद से ज्यादा बढ़ गई है। पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार हैं। पिछली सरकारों ने कुछ नहीं किया, बल्कि उन्होंने अपने बच्चों और अपने घरों को आबाद किया। लोगों का यह भी मानना है कि इस बार माहौल बहुत अच्छा है। लोग खुल कर अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे। लोगों का मानना है कि 2019 के बाद माहौल में बेहतरी आई है, लेकिन जिस विकास के दावे किए जा रहे हैं, वह जमीनी सतह पर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।
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