श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की मदद करने के आरोप में दो और सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। नौकरी से बर्खास्त कर्मचारियों में एक शिक्षक और एक फार्मासिस्ट है। यह कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत की गई है।
जांच के बाद एक्शन
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में प्रशासन ने आतंकी संबंधों के आरोप में कई सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने प्रशासन और खुफिया एजेंसियों की जांच के बाद यह एक्शन लिया है।
आतंकी संगठनों से गहरे संबंध
बताया जाता है कि इन दोनों के आतंकी संगठनों से गहरे संबंध थे। इन्हें पाकिस्तान बेस्ड आतंकी समूहों से मदद भी मिल रही थी। बर्खास्त कर्मचारियों में से रहमान नाइक स्वास्थय विभाग में फार्मासिस्ट है जबकि दूसरा कर्मचारी जाहिर अब्बास शिक्षक है।
रहमान नाइक
रहमान नाइक की आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से सांठगांठ का तब पता चला जब पुलिस ने देवसर में गुलाम हसन लोन की हत्या के मामले की जांच शुरू की। रहमान नाइक ने यह माना कि वह आतंकियों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में काम करता था। उसका मुख्य काम टारगेट की पहचान और आतंकी हमलों के लिए तैयारी करना था। रहमान और उसके सहयोगियों को हैंड ग्रेनेड और गोलाबारूद के साथ गिरफ्तार किया गया था।
जहीर अब्बास
वहीं जहीर अब्बास किश्तवाड़ के बादत सरुर का रहनेवाला है और वह 2012 में सरकारी स्कूल में शिक्षक के तौर पर नियुक्त हुआ था। 2020 में उन्हें तीन सक्रिय आतंकवादियों को आश्रय देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि अब्बास आतंकियों को हथियार, गोला-बारूद मुहैया कराने के साथ ही आतंकियों को सुरक्षा बलों की पोजिशन की भी जानकारी दे रहा था।