क्या कश्मीर में फिर से 1990 के दशक के हालात बनाने की हो रही हैं कोशिश? क्या कश्मीरी पंडितों को डराने और धमकाने के लिए अनंतनाग में 4 कश्मीरी पंडितों के घरों को जलाया गया? इस घटना पर अब कई सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, दक्षिण कश्मीर में कश्मीरी पंडित समुदाय के 4 घर आग की घटना में जलकर खाक हो गए। पुलिस ने स्पेशल टीम बना कर जांच शुरू कर दी। कश्मीर पंडितों ने कहा, "हमें डराने की हर कोशिश को विफल किया जाएगा, हम डरने वाले नहीं है"
रात में लगाई गई आग
अनंतनाग के मट्टन इलाके के लोन मोहल्ला में रविवार की रात करीब एक बजे एक वीरान पड़े मकान से अचानक आग के शोले दिखने लगे, जिससे आसपास के कश्मीरी पंडित समुदाय के पुराने 4 मकान जलकर खाक हो गए। आसपास के लोगों ने तुंरत फायर ब्रिगेड को जानकारी दी तो फायर ब्रिगेड के क़रीब पांच गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंची। कई घंटों के मशक्कत के बाद आग पर क़ाबू पा लिया गया। मकान लकड़ी का होने के कारण हल्की आग और धुआं आज दो दिन बाद भी मकानों में दिख रहा है। घटना में करीब 5 ढांचे जल कर खत्म हो गए हैं वहीं, एक तो पूरी तरह जमींदोज हो गया।
निस्सार अहमद फायर ब्रिगेड अधिकारी ने घटना पर कहा कि रात को भयानक आग लगी हमें सूचित किया गया हम तुरंत आए करीब 5 गाड़ियाँ काम पर लगी, तीन-चार घंटों में हमने आग पर क़ाबू पाया अभी भी धुआं उठ रहा है।" वहीं, मामले में स्थानीय निवासी मुश्ताक़ अहमद ने कहा, "हमने सुना यहां आग लगी है, कैसे लगी वो नहीं पता, इसे रजदान मंजिल कहते थे।
कश्मीरी पंडित समुदाय ने लगाए आरोप
कश्मीर से बाहर रहने वाले कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों का आरोप है कि आग कश्मीरी पंडित समुदाय को डराने और उन्हें घाटी में वापस आने से रोकने के लिए लगाई गई थी। पीठ अवस्थापन के अध्यक्ष रविद्र पंडिता ने कहा कश्मीर के मट्टन इलाके में कश्मीरी प्रवासियों की संपत्तियों में हाल ही में आग लगने की घटना ने सभी को चौंका दिया है। जिले के डिप्टी कमिश्नर अल्पसंख्यक संपत्तियों के संरक्षक हैं और अल्पसंख्यक संपत्तियों को संरक्षित करने के लिए उचित कदम नहीं उठा रहे हैं। कश्मीरी पंडित प्रवासों के 4 घर जलकर खाक हो गए हैं।
आगे कहा कि हम सरकार से इन स्थलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का अनुरोध करते हैं। वहां कोई नहीं रहता था, इसलिए शॉर्ट सर्किट या गैस सिलेंडर विस्फोट आदि की कोई संभावना नहीं थी। यह स्पष्ट रूप से तोड़फोड़ का मामला है और हमें निवारक उपाय करने की आवश्यकता है। प्रशासन को तैयार रहना चाहिए ताकि निर्वासित समुदाय को फिर से ऐसी हरकतें न देखनी पड़े और इन मालिकों को मुआवजा दिया जाना चाहिए और हम उम्मीद करते हैं कि सभी संपत्तियों की सुरक्षा की जानी चाहिए।"
पंडितों की वापसी पर असर नहीं पड़ना चाहिए
कई कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों ने सरकार से कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद अभी भी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन ये घटनाएं भी उन्हें डरा नहीं पाएंगी। उन्होंने कहा कि वे मुस्लिम भाइयों के साथ अपनी मातृभूमि में रहना जारी रखेंगे। अशोक कुमार ऑल टेंपल एंड श्राइन साउथ कश्मीर के अध्यक्ष ने कहा, "हमें धमकाया नहीं जाएगा और हम इससे डरते नहीं हैं। हमें 90 के दशक से ही ये धमकियाँ मिल रही हैं, लेकिन हम डरेंगे नहीं। यह हमारी जन्मभूमि है और हम हमेशा यहीं रहेंगे।
आगे कहा कि हम अपने स्थानों और मंदिरों का जीर्णोद्धार कर रहे हैं और हर कोई वापस आना चाहता है और हम इन हरकतों से नहीं डरेंगे। सरकार को कश्मीरी पंडितों की संपत्ति और जान की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। ये घटनाएँ गलत संदेश देती हैं, लेकिन इसका कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। मैं इन मामलों को संभालने के लिए प्रशासन और पुलिस से खुश हूँ। जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए। बहुसंख्यक समुदाय हमेशा हमारे साथ खड़ा है।
पुलिस ने शुरू की जांच
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मामले पर डीआईजी साउथ कश्मीर रेंज जावेद इकबाल ने कहा, "अनंतनाग के मट्टन इलाके में आनंद जी राजदान के घर में आग लगने की सूचना मिली है। सूचना मिलते ही एसएचओ मट्टन पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। करीब डेढ़ घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। आग की वजह से आस-पास के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने एफएसएल टीम को बुलाया गया। आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज देखी जा रही है, घटना को लेकर धारा 326 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच शुरू हो गई है और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमने एक मजबूत जांच शुरू की है और एक वरिष्ठ अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं।''
घाटी से बाहर और घाटी में रह रहे पंडित समुदाय के लोग घटना की गहन जांच की मांग कर रहे है और एलजी सरकार से एसी वीरान पंडित संपत्ति और मंदिरों की कड़ी सुरक्षा के लिए कदम उठाने की माँग भी कर रही है ताकि वो अराजकतत्व जो कश्मीरी पंडितों पुनर्वास नहीं चाहते हैं उनके मंसूबे विफल हो।
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