श्रीनगर: कश्मीर में न बारिश न बर्फबारी। नदी और नालों का पानी भी सूख रहा है। धरती पर जन्नत कहे जानेवाले कश्मीर का ताज गुलमर्ग भी बिना बर्फ के इस बार देश बार से आने वाले टूरिस्ट्स को मायूस कर रहा है। पर्यटन विभाग से जुड़े लोग भी परेशान हैं।
कश्मीर में कई वर्षों के बाद इस बार मौसम के मिजाज बिलकुल अलग दिख रहे हैं। मानो जनवरी जैसे महीने में मार्च का दृश्य पैदा हो गया है। जनवरी में पहाड़ से लेकर मैदान तक बर्फ से ढके रहते थे। वो पहाड़ और वो मैदान आज बर्फ और बारिश की एक- एक बूंद का इंतज़ार कर रहे हैं।
पर्यटक बेहद मायूस
यहां तापमान शून्य से नीचे होने के बावजूद बर्फ नहीं हो रही है जिसके कारण कश्मीर आनेवाले पर्यटक बेहद मायूस दिख रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक कश्मीर घाटी में पूरे दिसंबर में 79 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है, और बहुप्रतीक्षित बर्फबारी अभी भी नहीं हुई है ,इसका कारण वातावरण में आ रहे इस बदलाव को माना जा रहा है।
पूरे कश्मीर में इन दिनों सर्दी के सबसे कठोर 40 दिन चल रहे हैं ,जिसे चिल्लेकलां कहा जाता है। लेकिन 19 दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी कश्मीर में बर्फबारी नहीं हुई हैं। मौसम के इस मिजाज से यहां आए पर्यटक बेहद मायूस लग रहे हैं। इंडिया टीवी से बात करते हुए पर्यटकों ने कहा कि इस मौसम में कश्मीर आयने का असल मक़सद था ,बर्फबारी को देखना लेकिन पहाड़ से लेकर मैदान तक खुश्क दिख रहे हैं। ऐसा लगता है कि जनवरी का महीना मार्च बन गया है। इन पर्यटकों का मानना है कि इस बार कश्मीर में बर्फ न होने से मायूसी हो रही है।
बर्फबारी नहीं होने से परेशान
पर्यटकों के साथ-साथ पर्यटन विभाग से जुड़े लोग भी कश्मीर में बर्फबारी नहीं होने से परेशान हैं। उनका मानना है कि बर्फ न होने से पर्यटन पर प्रभाव पड़ना लगा है,क्योंकी इस मौसम में पर्यटक सिर्फ बर्फ देखने के लिए कश्मीर आते हैं लेकिन यह मौसम उन्हें निराश कर रहा है। हालांकि उम्मीद अभी भी है कि कश्मीर में पर्यटकों को अच्छी खासी बर्फबारी आने वाले दिनों में देखने को मिली सकती है। लेकिन जो लोग अभी आए हैं वो निराश ज़रूर हुए हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि घाटी में फिलहाल मौसम आम तौर पर खुश्क रहने की संभावना है। 16 जनवरी के बाद एक वेस्टर्न डिस्टर्बन्स की उम्मीद जताई जा रही है। तबतक घाटी में शीतलहर के साथ-साथ लोगों को इस खुश्क मौसम से रहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।