जम्मू कश्मीर के बारामूला में सेना की गाड़ी पर हुए आतंकी हमले में दो जवान शहीद हो गए। इन दोनों की पहचान राइफलमैन कैसर अहमद शाह और जीवन कुमार के रूप में हुई है। इन दोनों जवानों की बहादुरी के चलते आतंकी बाकी लोगों तक नहीं पहुंच पाए। बारामूला जिले के बोटापत्थर गुलमर्ग इलाके में गुरुवार शाम यह घटना हुई। आतंकियों के इस हमले में सेना के दो जवान और दो पोर्टर शहीद हुए हैं। पोर्टर सेना की मदद के लिए होते हैं, वे पहाड़ी इलाके और फ्रंट पोस्ट पर सामान पहुंचाने में मदद करते हैं।
हमले में सेना के तीन जवान घायल हुए थे। सभी घायलों को श्रीनगर के 92 बेस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, इनमें से दो ने दम तोड़ दिया। हालांकि, दो जवानों की बहादुरी के चलते बाकी जवान पूरी तरह सुरक्षित रहे।
कैसे हुई घटना?
भारतीय सेना का काफिला राष्ट्रीय राइफल और सेना की एक और यूनिट का काफिला गुरुवार को बूटा पथरी से गुलमर्ग की तरफ आ रहा था। इसी दौरान शाम छह से सात बजे के बीच 3-4 आतंकियों ने गाड़ी के काफिले पर फायर किया। इसी दौरान ही फायर भारतीय सेना की ढाई टन और एक और गाड़ी पर आया। आतंकी बेहद करीब आकर फायर करने लगे। इसी बीच भारतीय सेना की जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के जवानों ने बहादुरी दिखाते हुए अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों के ऊपर ताबड़ तोड़ गोलियां चलाईं।
सेना ने पूरे जंगल को घेरा
आतंकियों के इस हमले में भारतीय सेना के दो जवान वीरगति को प्राप्त हुए साथ में दो पोर्टर को भी गोली लगी और वो हॉस्पिटल में शहीद हुए। आतंकी गाड़ी के काफी लोगों के पास नहीं पहुंच पाए, क्योंकि सेना के जवानों ने लगातार जवाबी कार्रवाई की। इस हमले के बाद भारतीय सेना ने पूरे जंगल को घेर लिया है और आने वाले समय में और तेज ऑपरेशन किया जाएगा ताकि आतंकियों का सफाया हो सके। सूत्रों के मुताबिक ये आतंकी पहले से घुसपैठ करकर यहां पर बैठे हुए हैं। इन्हीं आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया।
भारतीय सेना के जवान अपनी ही मिट्टी पर देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुए। राइफलमैन कैसर अहमद शाह कश्मीर के ही रहने वाले हैं। आतंकियों के कायराना हमले में वह वीरगति को प्राप्त हुए।