जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत आवेदन को जमा करने, उनकी स्थिति का पता लगाने और इलेक्ट्रॉनिक रूप से उनका जवाब हासिल करने के लिए शुक्रवार को एक पोर्टल की शुरुआत की, ताकि लोगों को इस सिलसिले में सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। सामान्य प्रशासन विभाग आरटीआई ऑनलाइन आवेदन पोर्टल के प्रबंधन के लिए नोडल एजेंसी है। इसके माध्यम से सभी विभाग आरटीआई आवेदनों के निस्तारण के लिए जवाबदेह हैं।
'देर आए दुरुस्त आए'
अब्दुल्ला ने बाद में फेसबुक पर लिखा, ‘‘(मैंने) सिविल सचिवालय में जम्मू-कश्मीर आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया। देर आए दुरुस्त आए, आखिरकार जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को अपना आरटीआई पोर्टल मिल ही गया।’’
अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि आरटीआई पोर्टल का उद्देश्य नागरिकों को आरटीआई आवेदन करने, उनकी स्थिति का पता लगाने और ऑनलाइन जवाब प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल जम्मू-कश्मीर में अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी शासन में योगदान देगी।
RTI पोर्टल क्यों है खास?
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के सचिव एम राजू ने कहा कि यह पोर्टल बहुत खास है। खासियत में पोर्टल की रीच, सुविधा, प्रोसेसिंग की स्पीड, लागत दक्षता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में भूमिका शामिल हैं। उन्होंने कहा, "पोर्टल की प्रमुख कार्यक्षमताएं, जिसमें इसका यूजर फ्रेंडली इंटरफेस, सुव्यवस्थित आरटीआई वर्कफ़्लो और मजबूत दस्तावेजीकरण सुविधाएं शामिल हैं।"
पोर्टल की एक और अनूठी विशेषता आवेदकों को भविष्य के संदर्भ के लिए SMS और ईमेल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करना है, जिससे आरटीआई एप्लीकेशन की आसान ट्रैकिंग हो सकती है। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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