जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग की टीम 8 से 10 अगस्त अगस्त तक जम्मू कश्मीर दौरा करेगी। इस दौरान चुनाव आयोग के अधिकारियों की श्रीनगर में राजनीतिक दलों से मुलाकात होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू जम्मू-कश्मीर में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि सितंबर के आखिर तक राज्य में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
इस बीच बीजेपी ने जम्मू में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर पार्टी को आदेश जारी किया है कि वह चुनाव की तैयारियां शुरू करें। नेताओं से कहा गया है कि वह समाज के भीतर गहराई तक पहुंचने के लिए जिला स्तर पर भी टीमें गठित कर प्रक्रिया 15 अगस्त तक पूरी करें। इससे भाजपा के लक्ष्यों का रोडमैप तय किया जाएगा, जिससे पार्टी का मिशन 'सबका साथ, सबका विकास' पूरा होगा।
6 साल बाद होंगे चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 6 सालों के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का दावा है कि इस बार चुनाव में जम्मू-कश्मीर में भाजपा की जीत होगी और सरकार बनाएंगे। भाजपा के सीनियर नेता शौकत अंद्राबी ने कहा, जम्मू कश्मीर में अमन शांति और विकास जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और इस बार भाजपा अपने दम पर अकेले यह चुनाव लड़ेगी।
JDU भी चुनाव की तैयारी में जुटी
वहीं, जम्मू कश्मीर के दूसरे राजनीतिक दल पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के साथ-साथ भाजपा की एनडीए सहयोगी जेडीयू भी इस बार राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। नेशनल कांफ्रेंस की सीनियर नेता शमीम फिरदौस ने कहा, हम चुनाव के लिए तैयार है बस इंतजार है ऐलान का। नेशनल कांफ्रेंस ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने जो लोगों से वादा किया है कि बहुत जल्द जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव और स्टेटहुड का दर्जा वापस मिलेगा। उससे लगता है कि चुनाव जरूर होंगे और हम चुनाव के ऐलान होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि पीडीपी के सीनियर नेता बशारत बुखारी ने कहा, उनकी पार्टी चुनाव लड़ने के लिए तो तैयार है लेकिन जब तक चुनाव नोटिफिकेशन जारी नहीं होता है तब तक चुनाव होने का ऐतबार नहीं है।
JDU अपने दम पर लड़ेगी या बीजेपी को सपोर्ट करेगी?
जेडीयू के नेता जी एम शाहीन ने कहा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव लंबे समय के बाद होने जा रहे हैं, जो बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, हम चुनाव के लिए तैयार हैं लेकिन चुनाव अपने बल पर लड़ेंगे या फिर भाजपा का सपोर्ट करेंगे, इस पर पार्टी हाई कमान ही फैसला लेगी। हम चाहते हैं जम्मू कश्मीर में अमन कायम हो, बेगुनाह लोगों की जेल से रिहाई हो। यह सभी मुद्दे आने वाले चुनाव में एक बड़ा मुद्दा रहेगा।
2018 में भंग हुई थी विधानसभा
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था और 2018 में विधानसभा भंग कर दी गई थी। आगामी चुनाव केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के लिए पहला चुनाव होगा, जिसका गठन 2019 में तब हुआ था जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया था।
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